
Uttarakhand: रूस के पूर्व मंत्री के पास मिला अवैध सैटेलाइट फोन, CISF जवानों ने एयरपोर्ट पर पकड़ा
उत्तराखंड के देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान रविवार को रूस के पूर्व मंत्री को प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन के साथ पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक 64 वर्षीय विक्टर सेमेनोव 1998 से 1999 तक रूस के कृषि और खाद्य मंत्री थे। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने उन्हें हवाई अड्डे पर उस समय पकड़ लिया, जब वह इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली की यात्रा करने वाले थे। बताया जाता है कि शाम चार बजकर 20 मिनट पर जब वह सुरक्षा जांच के लिए पहुंचे तो सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें रोक लिया।

सीआईएसएफ की तरफ से पुलिस शिकायत में कहा गया है कि हैंडबैग की जांच करते समय एक जवान ने एक्स-रे मशीन पर एक सैटेलाइट फोन जैसी छवि देखी। जिसके बाद उनके बैग की जांच की गई। सेमेनोव के सामने जब बैग खोला गया तो जवानों को स्विच-ऑफ मोड में एक इरिडियम सैटेलाइट फोन मिला।
इसके बाद सीआईएसएफ के जवानों ने रूस के पूर्व मंत्री से सैटेलाइट फोन के बारे में पूछा लेकिन वह डिवाइस रखने के लिए कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सकें। हालांकि, रूस के पूर्व मंत्री ने यह जरूर बताया कि इसे आपात स्थिति में उपयोग के लिए रखा गया था।
सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक भारत में बीएसएनएल के नमारसैट सैटेलाइट हैंडसेट (आईएसएटी फोन) के अलावा अन्य सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल गैरकानूनी है। सीआईएसएफ अधिकारियों की तरफ से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रूस के पूर्व मंत्री का बोर्डिंग पास रद्द कर दिया गया। इसके बाद पूर्व मंत्री को देहरादून पुलिस को सौंप दिया गया।
डोईवाला पुलिस स्टेशन के प्रभारी राजेश साह ने बताया कि हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ कर्मियों ने उन्हें रूसी नागरिक के बारे में सूचित किया था,जिसके बाद उन्होंने उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान रूसी नागरिक ने बताया कि वह एक वन्यजीव फोटोग्राफर है और रुद्रप्रयाग के पर्यटन स्थल चोपता में चार दिनों तक रहा और इंडिगो की फ्लाइट पकड़कर दिल्ली जाने वाले था। साथ ही रूसी नागरिक ने यह भी बताया कि उसने रूस के कृषि मंत्री के तौर पर भी काम किया है।
वहीं, पुलिस अधिकारियों ने जब उसे सैटेलाइट को लेकर पूछताछ की तो उसने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि भारत में इस तरह के सैटेलाइट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। फिलहाला देहरादून के डोईवाला पुलिस स्टेशन में सेमेनोव के खिलाफ भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 व भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं, 1000 रुपए का जुर्माना लगाकर उसे रिहा भी कर दिया गया है।
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