मैं खुश हूं कि न्याय हुआ, भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं: माया कोडनानी
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में शुक्रवार को बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया है। कोर्ट से बरी होने के बाद माया कोडनानी ने कहा कि, मैं खुश हूं कि न्याय हुआ। भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। मैं जानती थी कि मैं निर्दोष हूं और इससे बाहर निकलूंगी। यह फैसला करीब एक दशक बाद आया। उन्हें भीड़ द्वारा 97 लोगों की हत्या किए जाने के मामले में आरोपी बनाया गया था।
इसी मामले एक अन्य आरोपी बाबू बजरंगी को कोर्ट ने आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई है। बाबू बजरंगी को अब मृत्यु तक जेल में ही रहना होगा। बाबू बजरंगी के अलावा इस मामले में आरोपी किशन कोरणी, मुरली नारणभाई सिंधी और सुरेश लंगाडो को भी दोषी करार दिया गया है। वहीं, विक्रम छारा और गणपति छानाजी छारा को निर्दोष करार दिया गया है।
आपको बता दें माया कोडनानी की छवि एक तेज-तर्रार नेता के रूप में रही है, वो गुजरात की मोदी सरकार में मंत्री थीं, वो तीन बार विधायक रह चुकी हैं, 1995 में अहमदाबाद निकाय चुनावों में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने अपना सियासी सफर शुरू किया था। उसके तीन साल बाद ही 1998 में वो पहली बार एमएलए बनीं। पेशे से वो एक गाइनकालजिस्ट हैं, लेकन बहुत वक्त पहले ही उन्होंने अपना पेशा मुख्य रूप से छोड़ दिया था।
बंटवारे से पहले माया का परिवार पाकिस्तान से सिंध प्रांत में रहता था लेकिन बंटवारे के बाद माया का पूरा परिवार गुजरात में आकर बस गया। माया कोडनानी पर शुरू से ही असर आरएसएस का रहा, वो आरएसएस की एक दिग्गज कार्यकर्ता के रूप में जानी जाती थीं। डाक्टर बनने के बाद माया ने नरोदा में अपना एक अस्पताल खोला था, लेकिन थोड़े समय बाद ही वो राजनीति में सक्रिय हो गईं, माया नरेंद्र मोदी की काफी करीबी मानी जाती थीं, जिसका फायदा उन्हें गुजरात की राजनीति में आगे बढ़ने को मिला।