हामिद करजई की मुशर्रफ को सलाह, अाप न करें प्रॉक्सी वॉर की चिंता
नई
दिल्ली।
अफगानिस्तान
के
पूर्व
हामिद
करजई
ने
पाकिस्तान
के
पूर्व
सैन्य
शासक
और
राष्ट्रपति
परवेज
मुशर्रफ
को
कड़ी
सलाह
देते
हुए
कहा
है
कि
उन्हें
भारत
और
अफगानिस्तान
के
संबंधों
के
बारे
में
चिंता
करने
की
कोई
जरूरत
नहीं
है।
मुशर्रफ को दिया करार जवाब
राजधानी दिल्ली में इस समय हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट का आयोजन हो रहा है। शुक्रवार को इसका पहला दिन था और इस मौके पर कई शख्यियतों के बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी बतौर खास मेहमान मौजूद थे। उन्होंने इस कार्यक्रम में यह बात कही।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले परवेज मुशर्रफ ने कहा था कि जब अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो सेनाएं अफगानिस्तान को छोड़कर जाएंगी तो उसके बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच एक तरह के प्रॉक्सी वॉर की शुरुआत होगी। करजई ने इसी बात पर मुशर्रफ को जवाब देते हुए यह बात कही।
करजई ने कहा कि मैं मुशर्रफ को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता कि उन्हें किसी भी तरह के प्रॉक्सी वॉर की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि पाक को हमेशा से इस बात से परेशानी रही है कि अफगानिस्तान में भारत अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।
करजई ने अपने 13 वर्ष के कार्यकाल में पाक का 20 बार दौरा किया और उन्होंने हर बार सीमा के दूसरी तरफ से पनप रहे आतंकवाद को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में पाक को अवगत कराया।
उन्होंने हर दफा यह बात पुरजोर तरीके से कही है कि पाक में कई आतंकी संगठनों को वित्तीय और विचारधारा के लिए समर्थन मिलता रहा है।
पाक पर लगाया आतंकवाद का आरोप
करजई ने हर बार की तरह एक बार फिर इस समिट के जरिए आतंकवाद पर पाक की नीति को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने विदेश नीति पर एक विपरीत प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद जिसे सीमा के उस पार से खासा प्रोत्साहन मिल रहा है, आज भी अफगानितस्तान के स्थायीत्व और यहां पर शांति के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
करजई ने कहा उनका देश उन तत्वों को इस बात की इजाजत नहीं देगा जिसकी वजह भारत और अफगानिस्तान के बीच हालात बिगड़ें। साथ ही साथ अफगानिस्तान भारत और पाक के बीच किसी भी तरह के युद्ध के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा।
करजई ने इसके साथ ही इस क्षेत्र में मौजूद देश जैसे चीन और रूस से अपील की कि वह अफगानितस्तान में आतंकवाद की लड़ाई के खिलाफ एक संयुक्त बल के तौर पर सामने आएं। करजई ने कहा कि भारत, चीन और रूस तो महाशक्ति के तौर पर मशहूर हैं वह अपने ही तरीकों से यहां पर आतंकवाद से लड़ाई कर सकते हैं।