Corona: साल 2021 की जनगणना का पहला चरण और NPR अनिश्चितकाल तक स्थगित
नई दिल्ली। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना की तैयारी सरकार ने अभी शुरू कर दी थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने अगले वर्ष की जनगणना के पहले चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेशन को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को इस बात की पुष्टि की गई है।
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बता दें कि एनपीआर को लेकर कई महीनों से देश में विरोध प्रदर्शन चर रहा था, हालांकि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन के बाद प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया। विरोधियों का मामना था कि यह उनकी नागरिकता अधिकार का हनन है और इससे वह देश में रहते हुए भी विदेशी घोषित कर दिए जाएंगे। सरकार ने कई अवसरों पर यह बताया कि इससे किसी नागरिक को घबराने की आवश्यकता नहीं है यह सिर्फ जनगणना की एक प्रक्रिया है। सरकार ने कहा, एनपीआर ऑनलाइन माध्यम होगा जिससे देश में होने वाली वर्ष 2021 की जनगणना में नागरिक अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।
बता दें कि एनपीआर की प्रक्रिया इस वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होने वाली थी। मार्च में गृहमंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी ने डिमांड फॉर ग्रांट्स (2020-2021) की रिपोर्ट राज्यसभा में रखी थी। इस कमेटी की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीआर फॉर्म 2020 में माता-पिता के जन्मस्थान और उनकी जन्मतिथि को लेकर सवाल पूछे गए हैं, जिस पर सरकार का तर्क है था कि इससे बैक एंड डेटा प्रोसेसिंग और मजबूत होगा। गौरतलब है कि कई राज्यों ने एनपीआर को लेकर आपत्ति जाहिर की गई। एनडीए के सहयोगी जदयू और एलजेपी ने भी इसको लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुका है।
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