संसद न चलने से आडवाणी फिर नाराज, रिजाइन करने की इच्छा जताई
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि संसद में सब खुद के जीतने की कोशिश में लगे हैं। अगर संसद हार गई तो सबकी बदनामी होगी।
नई दिल्ली। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध से नाराज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद लालकृष्ण आडवाणी गुरुवार को एक बार फिर गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा कि संसद के जो हालात बने हैं उससे उन्हें लगता है कि इस्तीफा दे दें।
आडवाणी ने कहा, 'अगर शुक्रवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई तो संसद हार जाएगी। हम सब की बहुत बदनामी होगी। मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं।'
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आरोप-प्रत्यारोप
का
सिलसिला
जारी
16
नवंबर
से
शुरु
हुए
संसद
सत्र
में
अब
तक
लगातार
सरकार
और
विपक्ष
के
बीच
तकरार
जारी
है।
विपक्ष
सदन
में
नोटबंदी
की
चर्चा
करना
चाहता
है
तो
सरकार
अगस्टा
वेस्टलैंड
घोटाले
पर
चर्चा
करना
चाहती
है।
सरकार
ने
विपक्ष
पर
चर्चा
से
भागने
का
आरोप
लगाया
है
तो
वहीं
विपक्ष
ने
भी
सरकार
पर
जनता
को
मुसीबत
में
डालने
और
जवाबदेही
से
बचने
का
आरोप
लगाया
है।
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'नोटबंदी
पर
जरूर
हो
चर्चा'
गुरुवार
को
हंगामे
के
बाद
लोकसभा
की
कार्यवाही
दिनभर
के
लिए
स्थगित
कर
दी
गई।
इससे
नाराज
आडवाणी
ने
दूसरे
दलों
के
सदस्यों
से
बातचीत
में
कहा
कि
उनका
मन
भर
रहा
है
और
अगर
हालात
ऐसे
ही
रहे
तो
वह
इस्तीफा
देने
की
सोच
रहे
हैं।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
नोटबंदी
पर
चर्चा
जरूर
होनी
चाहिए।
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'जो
बाधा
डाल
रहे
हैं
उनके
नाम
उजागर
हों'
बीजेपी
के
वरिष्ठ
नेता
ने
कहा
कि
संसद
में
सब
खुद
के
जीतने
की
कोशिश
में
लगे
हैं।
अगर
संसद
हार
गई
तो
सबकी
बदनामी
होगी।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
लोकसभा
स्पीकर
सदन
में
उन
सदस्यों
का
नाम
लें
जो
लगातार
कार्यवाही
में
बाधा
डाल
रहे
हैं।