farmers protest: 'किसान नहीं तो भोजन नहीं', हरियाणा में शादी के कार्डों पर किसान आंदोलन का समर्थन
नई दिल्ली। हरियाणा में कुछ किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन करने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है। आंदोलन के समर्थन में शादी के कार्ड पर 'नो फार्मर नो फूड' जैसे नारे और किसान नेता सर छोटू राम की तस्वीर छपवा रहे हैं। कैथल में एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने बताया कि, स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की तस्वीरें भी शादी के निमंत्रण कार्डों पर छप रही हैं।
No Farmer-No Food का छपवाया स्लोगन
प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने बताया कि, बहुत से किसान परिवार और अन्य लोग शादी के निमंत्रण पत्र पर 'किसान नहीं तो अन्न नहीं जैसे नारे छापने और सर छोटू राम तथा भगत सिंह के चित्र लगाने का अनुरोध कर रहे हैं। सर छोटू राम का जन्म 24 नवंबर 1881 को हुआ था और उन्हें किसानों का मसीहा माना जाता है। ब्रिटिश शासनकाल में किसानों को सशक्त करने में उनकी अहम भूमिका थी।
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लोग छपवा रहे हैं भगत सिंह की फोटो
प्रिंटिंग प्रेस वालों का कहना है कि शादी के हर दूसरे कार्ड पर किसानों के समर्थन में स्लोगन छपवाए जा रहे हैं। इनमें किसान के साथ नौकरीपेशा लोग भी शामिल हैं। ढूंढरेहड़ी गांव के किसान प्रेम सिंह गोयत उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अपने बेटे की शादी के निमंत्रण पत्र पर किसानों के समर्थन में नारा छपवाया है। इन कानूनों के विरुद्ध हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और हम उनके समर्थन में खड़े हैं। मेरे बेटे की 20 फरवरी को शादी होने वाली है और मुझे लगा कि क्यों न हम निमंत्रण पत्र पर सर छोटू राम और शहीद भगत सिंह के चित्र छपवाएं।
पिता दिल्ली बॉर्डर पर, बेटा घर से ऐसे दे रहा है समर्थन
कैथल निवासी प्रवीन ढुल की 14 फरवरी को शादी है। उनके पिता दिल्ली में बॉर्डर पर बैठे हैं, लेकिन वे दिल्ली नहीं जा सकते, इसलिए कार्ड से समर्थन कर रहे हैं। आपको बता दें कि किसानों के मसीहा माने जानेवाले सर छोटू राम का जन्म 24 नवंबर 1881 को हुआ था। उन्हें किसानों का मसीहा माना जाता है। वह किसानों को स्वतंत्रता-पूर्व युग में सशक्त बनाने में सहायक थे और ब्रिटिश शासन के दौरान उनके अधिकारों के लिए लड़े।
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