Farmers Protest: मोदी सरकार ने देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया: राहुल गांधी
Rahul Gandhi lashes out at Centre over farm laws: नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस वक्त दिल्ली में बारिश हो रही है और ठंड भी कड़ाके की पड़ रही है, लेकिन खुले आसमान के नीचे तंबू गाड़े किसान बार्डर से हटने को तैयार नहीं है, वो बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तब तक वो यहां से हटेंगे नहीं , आज एक बार फिर से सरकार और किसानों के बीच विज्ञान भवन में वार्ता होने वाली है। इस मुद्दे पर सियासत भी गर्मा गई है तो वहीं इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
Recommended Video
उन्होंने
ट्वीट
करके
कहा
कि
मोदी
सरकार
ने
अपने
पूंजीपति
मित्रों
के
फायदे
के
लिए
देश
के
अन्नदाता
के
साथ
विश्वासघात
किया
है।
आंदोलन
के
माध्यम
से
किसान
अपनी
बात
कह
चुके
हैं।
अन्नदाताओं
की
आवाज
उठाना
और
उनकी
मांगों
का
समर्थन
करना
हम
सब
का
कर्तव्य
है।
उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करके लिखा है कि शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है।आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी कानून खत्म हों।
यहां देखें: राहुल गांधी का शेयर किया गया VIDEO
मालूम हो कि ट्वीट के जरिए लगातार राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने में लगे हैं, इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि 'मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों की जान ले ली।किसानों के आंसू पोंछने के बजाय यह सरकार उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है,इस तरह की क्रूरता सांठगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है।'
देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है
यही नहीं उन्होंने आगे लिखा था कि देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं। लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।
आज सरकार के साथ कई मुद्दों पर चर्चा होनी है: टिकैत
बता दें कि आज किसान संगठनों के साथ सरकार के साथ 8वें दौर की वार्ता होने वाली है लेकिन इस अहम वार्ता से एक दिन पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सरकार के साथ कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए कि बिना कानून को रद्द किए, किसान यहां से नहीं हटने वाला है। इस आंदोलन को किसाने ने अपने दिल में ले लिया है और ऐसा में कृषि कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।