बीकेयू नेता राकेश टिकैट का विपक्ष पर तंज, कहा- अगर वो ताकतवर होते तो किसानों को आंदोलन की जरूरत न पड़ती
Rakesh Tikait On Opposition Parties: नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसान संगठन पिछले 34 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। सरकार ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है। इस बीच किसानों का कहना है कि वह इन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने तक आंदोलन को वापस नहीं लेंगे। वहीं, किसानों को कुछ राजनीतिक दलों के बरगलाने के आरोपों पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने तंज कसते हुए कहा कि अगर विपक्षी दल (Opposition Parties) इतने मजबूत या ताकतवर होते तो किसानों को इस मुद्दे पर आंदोलन (Farmers protest) की जरूरत ही क्यों पड़ती।
'कानून में संशोधन को तैयार तो कानून वापस लेने में क्या दिक्कत'
Recommended Video
राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ उनके कई मंत्री एमएसपी और मंडी समिति के बारे में भरोसा दे रहे हैं, इसके बावजूद भी आंदोलन जारी है, इसपर उन्होंने कहा कि अगर आप पिछले रिकॉर्ड को देखें तो भरोसा करने की कोई वजह नजर नहीं आती है। टिकैत ने कहा कि अगर सरकार कानून में संशोधन करने के लिए तैयार है तो कानून को वापस लेने में क्या दिक्कत है।
सरकार ने किसान संगठनों को 30 दिसंबर को बुलाया
किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तौर तरीके सहित एजेंडे पर 29 दिसंबर को वार्ता करने का पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया है। सरकार ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर जो 'झूठ की दीवार' तैयार की गई है, वह जल्द ही गिरेगी।
अखिलेश ने कहा- किसानों का तिरस्कार कर रही भाजपा, यही किसान बीजेपी को सड़क पर लाएंगे