Devendra Fadnavis क्या भाजपा से नाराज ? 'पार्टी' के बाद तेलंगाना से भी रहेंगे नदारद !
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनने हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि फडणवीस भाजपा से नाराज (fadnavis not happy) हैं।
मुंबई, 02 जुलाई : देवेंद्र फडणवीस और भाजपा आलाकमान के बीच क्या सबकुछ ठीक है ? इस सवाल का जवाब शायद केवल फडणवीस ही दे सकते हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद भाजपा में उत्साह का माहौल देखा जा सकता है। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफे के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की कई ऐसी वीडियो सामने आई, जिसमें उन्हें सेलिब्रेट करते देखा गया। खुद फडणवीस भी इसमें शामिल थे। हालांकि, एकनाथ शिंदे ने जब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया, तो उसके बाद फडणवीस ने प्रेस वार्ता में कहा था कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे।
फडणवीस डिप्टी सीएम, भाजपा आलाकमान का फैसला !
बाद में फडणवीस का डिप्टी सीएम बनना सियासी पंडितों को चौंका गया। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा आलाकमान के कहने पर डिप्टी सीएम बने फडणवीस पार्टी के फैसले से खुश नहीं है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि मुंबई में भाजपा के सेलिब्रेशन से दूरी बनाने वाले फडणवीस अब तेलंगाना में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे। तेलंगाना का कार्यक्रम दो दिनों का है। खबरों के मुताबिक इसमें पीएम मोदी हर सत्र में शामिल होंगे। पढ़िए भाजपा और फडणवीस के समीकरण पर वनइंडिया हिंदी की ये खबर
फडणवीस और करीबी BJP मुख्यालय से 'गायब' !
दरअसल, भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। 100 से अधिक विधायक होने के बावजूद शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे महज 50 विधायकों का नेतृत्व करते हुए सीएम बन जाते हैं। ऐसे में फडणवीस के कद पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भले ही महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता में वापसी के उपलक्ष्य में शुक्रवार दोपहर महाराष्ट्र बीजेपी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस कार्यक्रम में नहीं दिखे। उनके अलावा विधायक गिरीश महाजन, प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड और संजय कुटे जैसे उनके करीबी सहयोगी भी बीजेपी मुख्यालय के जश्न में शामिल नहीं हुए।
डिप्टी सीएम फडणवीस के बचाव में भाजपा !
मीडिया रपटों के मुताबिक तीसरे राज्यसभा सीट के लिए भाजपा की लड़ाई में फडणवीस समेत उनके करीबी नेताओं की अहम भूमिका रही है। पिछले एक महीने की राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान भी ये सभी फडणवीस के साथ लगातार काम कर रहे थे। शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ता फडणवीस का कटआउट पकड़े डांस करते दिखे। हालांकि, हमेशा पार्टी कार्यालय में समारोह में भाग लेने वाले फडणवीस का खुद शामिल न होना चर्चा का बिंदु बना गया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा आलाकमान के फैसले से फडणवीस नाराज हैं। इस पर भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा, जहां तक फडणवीस के शामिल नहीं होने का सवाल है, पार्टी ने कभी यह घोषणा नहीं की कि वह शामिल होंगे और न ही यह डिप्टी सीएम के रूप में उनके दिन के कार्यक्रम का हिस्सा था।
इसलिए नहीं पहुंचे फडणवीस
गौरतलब है कि गत 20 जून को विधान परिषद चुनाव जीतने के बाद परिसर के बाहर फडणवीस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। हालांकि, अगले दिन शिवसेना में पनपे विद्रोह के कारण भाजपा जीत के जश्न में समारोह आयोजित नहीं कर सकी। अब शुक्रवार, 1 जुलाई को हुए समारोह में फडणवीस के न पहुंचने पर समारोह में मौजूद भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि यह पार्टी की मुंबई इकाई द्वारा आयोजित किया गया था, इसलिए राज्य के अन्य हिस्सों के विधायकों के शामिल होने की उम्मीद नहीं थी।
भाजपा आलाकमान ने फडणवीस का फैसला ठुकराया ?
बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फडणवीस को सीएम पद से वंचित कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने के लिए कहा। इससे कुछ घंटे पहले फडणवीस ने घोषणा की थी कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन बाहर से इसकी निगरानी करेंगे। इस घटनाक्रम को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सार्वजनिक रूप से फडणवीस के फैसले को खारिज करने के रूप में देखा जा रहा है।
फडणवीस का फोकस महाराष्ट्र पर !
इसी बीच अटकलें ये भी लगाई जा रही है कि इसी वीकएंड तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल नहीं होंगे। टाइम्सऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया गया है कि तेलंगाना में भाजपा का कार्यक्रम महाराष्ट्र विधानमंडल के दो दिवसीय विशेष सत्र के साथ ओवरलैप कर रहा है।
फडणवीस मुख्यमंत्री वाले पोस्टर
बहरहाल, फडणवीस के भाजपा के कार्यक्रमों में न पहुंचने का कारण चाहे जो भी हो, इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा का एक तबका देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है। इसी का प्रमाण विगत 23 मई को दिखा था, जब शिवसेना की बगावत के बीच महाराष्ट्र के कई शहरों में फडणवीस को अगला सीएम मानते हुए पोस्टर लगाए गए थे।