CBSE Exam ना होने से छात्रों के सामने आ सकती है बड़ी मुसीबत, एडमिशन में हो सकती है मुश्किल
CBSE Exam ना होने से छात्रों के सामने आ सकती है बड़ी मुसीबत, एडमिशन में हो सकती है मुश्किल
नई दिल्ली, जून 4। सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द हो गई, जिसके बाद आईसीएसई बोर्ड, यूपी बोर्ड हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा समेत कई राज्यों ने अपने राज्यों में 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है। परीक्षाएं रद्द कर दी गई, लेकिन छात्रों के नतीजे, उनकी मार्कशीट किस आधार पर घोषित किए जाएंगे इस पर लेकर फिलहाल कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। अब तक कयासों का दौर चल रहा है कि किस आधार पर छात्रों के रिजल्ट जारी किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीबीएसई और सीआईएससीई 12वीं कक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान परीक्षा रद्द होने पर खुशी जाहिर की, लेकिन चिंता जताते हुए कहा कि याचिका का निपटारा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक केंद्र की ओर से परीक्षा परिणामों को लेकर एक स्पष्ट मूल्यांकन नीति पेश नहीं किया जाता।
CBSE रद्द, आ सकती है ये परेशानी
सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने से जहां एक ओर छात्रों और अभिभावकों में खुशी है तो वहीं एक चिंता भी सता रही है। इस बारे में जब वनइंडिया ने जाने माने काउंसलर, वरिष्ठ शिक्षाविद् और महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी क निदेशक दिनेश पाठक से बात की। वनइंडिया के साथ बातचीत के दौरान दिनेश पाठक ने कहा कि परीक्षा रद्द कर कोरोना काल में सरकार ने करोड़ों छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत दी है, लेकिन परीक्ष रद्द होने से कुछ मुश्किलें छात्रों के सामने आ सकती है।
पास और प्रमोटेड का अंतर
दिनेश पाठक ने कहा कि जो छात्र 12वीं या इंटरमीडिएट पास होने के बाद विदेश खासकर बिट्रेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, सिंगापुर और कुछ यूरोपीय देश पढ़ने जाते हैं उन्हें परेशानी हो सकती है। उन्होंने बताया कि 12वीं के बाद विदेश पढ़ने के लिए जाने वाले छात्रों को सीबीएसई परीक्षा रद्द होने के बाद कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ये दिक्कतें तब स्पष्ट होंगी जब सरकार और सीबीएसई परीक्षा परिणाम के लिए एक रणनीति तय कर लेती है और ये बताती है कि 12वीं के बोर्ड परिक्षार्थियों के रिजल्ट पर पास या प्रोमोटेड लिखा जाएगा। दिनेश पाठक के मुताबिक अगर छात्रों के रिजल्ट पर पास लिखा जाता हैं तो कोई चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर मार्कशीट पर प्रमोटेड लिखा जाता है तो उन्हें विदेशों में दाखिले के समय मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
जुलाई आखिरी तक आ सकते हैं नतीजे
वनइंडिया के साथ फेसबुक लाइव बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत में सीबीएसई की परीक्षा रद्द होने के बाद फिलहाल विदेशों में भी अभी तक इस बात पर विचार नहीं किया गया है कि वो भारतीय छात्रों के दाखिले इस बार किस आधार पर लेंगे। उनकी ओर से भारतीय छात्रों के एडमिशन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। खासकर वो दाखिले जो 12वीं या इंटरमीडियट के आधार पर लिए होते हैं। हालांकि इसमें छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो छात्र 12वीं के अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे वो चाहे तो बोर्ड की परीक्षा दे सकते हैं। कोरोना के हालात सुधरने पर ये परीक्षा आयोजित की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई के आखिरी हफ्ते या अगस्त के पहले हफ्ते में 12वीं के नतीजे जारी कर दिए जाएंगे।
यहां देखें दिनेश पाठक के साथ बातचीत का पूरा इंटरव्यू