चुनाव आयोग ने शशिकला गुट को दिया बड़ा झटका, चुनाव चिन्ह पलानीस्वामी-पन्नीरसेल्वम को मिला
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता के निधन के बाद पार्टी के भीतर जिस तरह से संग्राम खड़ा हुआ उसके बाद पार्टी दो हिस्सों में बंट गई। पार्टी के चुनाव चिन्ह दो पत्ती पर चुनाव आयोग ने वीके शशिकला को बड़ा झटका दिया है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वर के गुट को चुनाव आयोग ने एआईएडीएमके के चुनाव चिन्ह दो पत्ती को अलॉट कर दिया है। इस चुनाव चिन्ह को पहले चुनाव आयोग ने आठ महीने पहले फ्रीज कर दिया था।
फैसले से खुश मुख्यमंत्री
चुनाव आयोग के फैसले के बाद एआईएडीएमके के सांसद वी मैत्रेयन का कहना है कि हमे अभी चुनाव आयोग के फैसले की प्रति नहीं मिली है, हालांकि हमे चुनाव आयोग ने मौखिक तौर पर बता दिया है कि पार्टी का चुनाव चुनाव चिन्ह दो पत्ती हमे अलॉट किया गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि चुनाव आयोग ने फैसला हमारे पक्ष में दिया है, हम इस फैसले से बहुत खुश हैं, पार्टी में अधिकतर लोग हमें अपना समर्थन देते हैं। पलानी्स्वामी के पक्ष में यह फैसला उनकी भाजपा के साथ करीबी होने की वजह से हुआ है, इस आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गलत है। हमारे पास तथ्य थे और पार्टी के अधिकतर विधायक, सांसद और कार्यकर्ता हमारे साथ थे। इन तमाम तथ्यों पर गौर करते हुए चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है।
चुनाव चिन्ह को लेकर खटखटाया था चुनाव आयोग का दरवाजा
आपको बता दें कि एआईएडीएमके के दोनों गुटों ने पार्टी के चुनाव के चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। चुनाव आयोग ने इस मामले में सुनवाई पूरी करके 8 नवंबर को इसपर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आयोग ने सात बार इस मामले की सुनवाई की और इसमे दोनों पक्ष ओ पन्नीरसेल्व, ईके पलानी स्वामी व शशिकला नटराजन के पक्षों को सुना।
पन्नीरसेल्वम गुट और पलानीस्वामी गुट एक हो गए थे
शशिकला का गुट चुनाव आयोग के सामने पन्नीरसेल्वम व पलानीस्वामी के कुछ तथ्यों के खिलाफ अपना पक्ष रखना चाहता था, लेकिन आयोग ने शशिकला गुट को अपनी बात लिखकर देने को कहा। शुरुआत में दोनों गुटों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अलग-अलग दावा ठोका था। लेकिन बाद में बड़ी संख्या में पार्टी के विधायकों ने पलानीस्वामी के साथ मिलकर शशिकला के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जोकि अभी जेल में हैं और पन्नीरलेस्व व पलानीस्वामी गुट ने विलय की घोषणा कर दी थी।