सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- आरोपी सांसदों-विधायकों के लिए बनाए जाएं स्पेशल कोर्ट
नई दिल्ली। दागी माननीयों पर अब सुप्रीम कोर्ट का रुख और कड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दागी नेताओं के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत बनाई जाए। इसमें कितना वक्त और फंड लगेगा, इसकी जानकारी 6 हफ्तों के भीतर दी जाए। कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत में तेजी से ट्रायल होगा और केंद्र से पूछा कि यह बताएं कितना खर्च लगेगा। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद हम देखेंगे कि न्यायधीशों की नियुक्ति और ढांचा कैसा होगा। इस मसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो चुनाव आयोग और विधि आयोग की सिफारिशों के समर्थन में है। सरकार ने कहा कि आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने वाले राजनेताओं पर जीवन प्रतिबंध के पक्ष में सक्रिय रूप से विचार-विमर्श की जा रही है। न्यायाधीश रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि आपराधिक मामलों में राजनीतिज्ञों की दोष सिद्धि नए आयाम तय करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि साल 2014 में सांसदों विधायकों पर दर्ज 1581 मामलों में से कितने निपटाए गए हैं। कोर्ट ने साल 2014 से साल 2017 के बीच राजनेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामलों का और उसके निपटान का ब्योरा मांगा।
स्पेशल कोर्ट की बात का समर्थन केंद्र सरकार ने भी किया। पीठ ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता क भी फटकार लगाई। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि आपने आंकड़े क्यों नहीं दिए? क्या आप यह चाहते हैं कि हम यह कह दें कि भारत में राजनीति का अपराधीकरण हो चुका है।