GPD पर घमासान: अरविंद सुब्रमणयम के आरोपों को सरकार ने बताया गलत, कहा- जल्द देंगे जवाब
नई दिल्ली। पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद ने बुधवार को पूर्व आर्थिक सलाहाकार अरविंद सुब्रमण्यम के जीडीपी रेट को कम करने के दावों का खंडन किया है। इसके साथ ही कहा है कि, परिषद ने कहा कि वह जल्दी ही आरोपों का बिंदुवार उत्तर दिए जाएंगे। बता दें कि, सुब्रमण्यम ने एक शोधपत्र में दावा किया था कि जीडीपी की गणना के तरीके में बदलाव के कारण 2011-12 से 2016-17 के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े को करीब 2.50 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाया गया है।
सरकार ने आज कहा कि वह अपने पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के शोधपत्र में किए गए दावों की एक विस्तृत जांच करेगी। इसके बाद आरोपों का बिंदुवार उत्तर दिए जाएंगे। 'अभी के समय में उचित अकादमिक बहस के मुद्दे को सनसनी बनाने की किसी कोशिश में उलझना भारतीय सांख्यिकी प्रणाली की गुणवत्ता और स्वतंत्रता को बचाये रखने के लिये उचित नहीं है। इन सब से पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार भी अच्छे से परिचित हैं।
परिषद की ओर से कहा गया है कि, निश्चित तौर पर डॉ सुब्रमण यम ने इन मुद्दों को तब भी उठाया होगा जब वह मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर काम रहे थे। हालांकि उन्होंने खुद माना कि उन्होंने समझने के लिये समय लिया और अब भी वह संशय में हैं। इससे पहले अरविंद सुब्रमणयम ने कहा है था कि, भारत ने 2011-12 से आगे की अवधि के जीडीपी के अनुमान के लिए आंकड़ों के स्रोतों और जीडीपी अनुमान की पद्धति बदल दी है। इससे आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान अच्छा-खासा ऊंचा हो गया।
बता दें कि, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणयम ने कहा है कि, आर्थिक वृद्धि की गणना के लिए अपनाए गए नए पैमानों के चलते 2011-12 और 2016-17 के बीच आर्थिक वृद्धि दर औसतन 2.5% ऊंची हो गयी गयी। उन्होंने हार्वर्ड विश्विद्यालय द्वारा प्रकाशित अपने शोध पत्र में कहा है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर उपरोक्त अवधि में 4.5 प्रतिशत रहनी चाहिए जबकि आधिकारिक अनुमान में इसे करीब 7 प्रतिशत बताया गया है।
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