DRDO को बड़ी कामयाबी, ओडिशा के तट पर स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन 'अभ्यास' का सफल परीक्षण
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: लंबे वक्त से भारत का चीन के साथ सीमा विवाद जारी है। बीच-बीच में पाकिस्तान भी अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की कोशिश करता है, जिस वजह से भारत की तीनों सेनाएं खुद को मजबूत करने में जुटी हैं। इस काम में उनकी मदद कर रहा- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), जो रोजाना हाईटेक हथियारों की टेस्टिंग कर रहा, ताकि वक्त आने पर दुश्मन को कड़ा जवाब दिया जा सके। इसी क्रम में शुक्रवार को डीआरडीओ ने अभ्यास (ABHYAS) लड़ाकू ड्रोन का सफल परीक्षण किया।

डीआरडीओ के मुताबिक ओडिशा के चांदीपुर में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज में अभ्यास- हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफल परीक्षण हुआ। इस दौरान मिसाइल ने तय स्पीड से अपने लक्ष्य को भेदा। वैज्ञानिक परीक्षण के दौरान हाईटेक उपकरणों से मिसाइल के मार्ग, स्पीड आदि की निगरानी कर रहे थे। बाद में पता चला कि स्वदेशी मिसाइल हर पैमाने पर खरी उतरी। ये परीक्षण इंटीग्रेटेड टेस्ट रीजन (आईटीआर) से किया गया।
कैसे करता है काम?
इस एयर व्हीकल को ट्विन अंडरस्लैंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया गया। ये एक छोटे गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है। इसके अलावा नेविगेशन और फ्लाइट कंट्रोल के लिए इसमें MEMS आधारित इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम (INS) है। अभ्यास ड्रोन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है। इसकी पूरी जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (GCS) की मदद से की जाती है।
आसमान में ड्रोन जाम से कैसे निपटा जाए
निगरानी के लिए भी उपयोग
हमारा देश चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों से घिरा हुआ है। ऐसे में हमेशा हमारे देश पर युद्ध का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए डीआरडीओ ने लड़ाकू ड्रोन अभ्यास को विकसित किया। इसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों और हवा में मार करने वाले हथियारों का प्रेक्षण किया जा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल मिसाइल या फिर विमानों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही ये ऑटो पायलट की मदद से अपने टारगेट को आसानी से भेद सकता है।