ठीक ढंग से कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया तो नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर: रणदीप गुलेरिया
नई दिल्ली, जुलाई 1: कोरोनो की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब तीसरी लहर के दस्तक देने की आशंका जताई जा रही है। तीसरी लहर के लिए कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेंट डेल्टा प्लस वेरिएंट को कारण माना जा रहा है। कोरोना वेरिएंट डेल्टा प्लस के वेरिएंट को केंद्र सरकार 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बता चुकी है। इस बीच आज एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, अगर लोग सावधान रहें और भारत में बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण हो जाए, तो कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचा जा सकता है।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे व्यवहार करते हैं, अगर हम सावधान हैं और हमारे पास अच्छा टीकाकरण कवरेज है, तो तीसरी लहर नहीं आ सकती है या या यह बहुत कम होगी। उन्होंने कहा कि, 'कोरोना का डेल्ट प्लस वैरिएंट कितना संक्रामक है, यह बताने के लिए हमारे पास अभी ज्यादा डाटा नहीं है। क्या यह वायरस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में सफल हो रहा है, इस बारे में भी अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन यदि हम कोविड उचित व्यवहार अपनाते हैं तो हम वायरस के किसी भी नए स्वरूप से खुद को सुरक्षित रख पाएंगे।'
इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की दो डोज में अलग-अलग टीके लगाए जाने की बात पर भी रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस बारे में और स्टडी किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ स्टडीज में ऐसा कहा गया है कि यह ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है, लेकिन इस पर और डेटा जुटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्टडी के आधार पर इस प्रयोग को लागू नहीं किया जा सकता।
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डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि एक अनुमान के मुताबिक कोविड के डेल्टा वेरिएंट के मामले अब करीब 100 देशों में सामने आ चुके हैं। भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला केस 11 जून को मिला था। यह डेल्टा वेरिएंट से ही तब्दील होकर बना है। अब तक भारत समेत 12 देशों में इसके केस मिल चुके हैं। इसके अलावा भारत की बात करें तो राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस मिले हैं।