फर्जी मार्कशीट लगाकर 33 साल से रेलवे में नौकरी कर रही थी ये महिला, ऐसे खुला राज
नई दिल्ली। रेलवे में फर्जी अंक पत्र के जरिए नौकरी पाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक महिला ने 10वीं पास की फर्जी मार्कशीट लगाकर रेलवे की नौकरी हासिल कर ली और कुछ सालों के बाद वह प्रमोशन पाकर कार्यालय अधीक्षक के पद पर जा पहुंची। लेकिन महिला के नौकरी के 33 साल पूरे होने के बाद जब ये मामला खुला तो सभी हैरान रह गए।
भतीजे ने खोला राज
बताया जा रहा है कि महिला के भतीजे ने भर्ती होने के 33 सालों के बाद इसका खुलासा किया, जिसके आधार पर पहाड़गंज पुलिस ने 59 साल की कमलेश देवी को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार लिया। ये केस 53 साल के सुभाष द्वारा दर्ज कराया गया था। पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि कमलेश देवी की साल 1986 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर रेलवे में भर्ती हुई थी। हैरानी की बात ये है कि कमलेश देवी 6वीं पास हैं लेकिन उन्होंने नौकरी के लिए 10वीं की फर्जी मार्कशीट लगाई थी।
33 साल से नौकरी कर रही थी महिला
सुभाष ने अपने दावे के पक्ष में उन शिक्षण संस्थानों से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जवाब की प्रति लगाई थी, जिनमें आरोपी महिला ने शिक्षा लेने का दावा किया था। जांच के दौरान सामने आया है कि महिला ने प्रौढ़ स्कूल का प्रमाण पत्र लगाया था। करीब 11 महीने की जांच के बाद पुलिस ने कमलेश देवी को किनारी बाजार, मोरी गेट से 16 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, इस मामले में एक और बात सामने आई है कि सुभाष आरोपी महिला के सगे भाई का बेटा (भतीजा) है।
6वीं पास महिला ने लगाया था 10वीं पास का अंक पत्र
आनंद पर्वत इलाके में कमलेश देवी का सुभाष के पिता के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। साल 1990 में सुभाष की शादी तय हुई तो उसने बुआ के घर में सामान रखने की इजाजत मांगी, लेकिन कमलेश देवी ने गैरकानूनी रूप से घर में दाखिल होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया। सुभाष को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया, उस वक्त नेवी में नौकरी ज्वाइन करने वाला था, इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान उसके छोटे भाई ने आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि सुभाष पत्नी का इलाज तक नहीं करा पाया, जिसके कारण वे संतान सुख से वंचित रह गए।