दिल्ली हिंसा के पीछे कौन? हाईकोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार से मांगा जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी जिले में भड़की हिंसा के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में दिल्ली हिंसा की गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत जांच की मांग की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
इसके पहले, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी अर्जी पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र को भी इस मामले में एक पक्ष बनाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई 13 अप्रैल तक टाल दी। कोर्ट ने पूरे मामले पर केंद्र से जवाब तलब किया है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरशंकर की बेंच ने की।
HC seeks Centre, Delhi govt's reply on plea seeking probe under UAPA to find out those behind violence in N-E Delhi
— Press Trust of India (@PTI_News) February 28, 2020
इसके पहले, जस्टिस मुरलीधर और और जस्टिस तलवंत सिंह की अदालत ने सुनवाई की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट ने भड़काऊ बयान के मामले में कार्रवाई करने को लेकर जवाब मांगा था, जबकि ये बयान 1-2 महीने पहले के हैं। तुषार मेहता ने दिल्ली हिंसा और विधानसभा चुनावों के दौरान भड़काऊ बयानबाजी पर एफआईआर दर्ज करने का विरोध करते हुए कहा कि इसके लिए अभी माहौल अनुकूल नहीं है।
बता दें कि सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और समर्थन में उतरे दो गुटों के बीच बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाके इसकी आग में जल उठे। इस हिंसा में अबतक 39 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 250 से अधिक लोग घायल हैं। दिल्ली पुलिस ने हिंसा की इन घटनाओं में अबतक 48 एफआईआर दर्ज की है।