युवा देश का भविष्य, ब्लैक फंगस के इलाज में उन्हें दी जाए प्राथमिकता- दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस की दवा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी के वितरण से संबंधित पॉलिसी बनाने के लिए कहा।
नई दिल्ली, 2 जून। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस की दवा लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी के वितरण से संबंधित पॉलिसी बनाने के लिए कहा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि ब्लैक फंगस से पीड़ित युवाओं और जो लोग इस बीमारी से बेहतर तरीके से लड़ रहे हैं उन्हें बचाने की सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अदालत ने COVID-19 और ब्लैक फंगस के प्रबंधन पर कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये बातें कहीं।
कोर्ट ने ब्लैक फंगस की दवा की कमी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने कहा केंद्र से इस संबंध में नीति बनाने और स्थिति की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
चिकित्सा
विशेषज्ञों
की
सलाह
पर
बनाई
जाए
नीति
अदालत
ने
केंद्र
से
कहा
कि
ब्लैक
फंगस
की
दवा
से
संबंधित
जो
भी
नीति
बनाई
जाए
उसे
चिकित्सा
विशेषज्ञों
की
सलाह
पर
ही
बनाया
जाए।
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युवा
पीढ़ी
को
दी
जाए
प्राथमिकता
कोर्ट
ने
आगे
कहा
कि
ब्लैक
फंगस
से
पीड़ित
बुजुर्गों
के
मुकाबले
युवाओं
और
इस
बीमारी
से
बेहतर
ढंग
से
लड़
रहे
लोगों
के
इलाज
को
प्राथमिकता
दी
जानी
चाहिए।
कोर्ट
ने
कहा
कि
ऐसा
कर
हम
सभी
का
नहीं
तो
कुछ
लोगों
का
जीवन
तो
बचा
सकते
हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि बुजुर्गों का जीवन महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बुजुर्ग अपना जीवन जी चुके हैं और युवाओं के सामने पूरा जीवन पड़ा है।
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युवा
देश
का
भविष्य
कोर्ट
ने
कहा
कि
यदि
हमें
चयन
करना
पड़े
तो
हम
युवाओं
का
चयन
करेंगे
क्योंकि
वे
देश
का
भविष्य
है।
80
साल
के
बुजुर्ग
देश
को
आगे
नहीं
ले
जा
सकते।
वे
अपना
जीवन
जी
चुके
हैं।
कोर्ट ने कहा कि हमने यह देखा है क कि ऐसे कई लोग हैं जो देश की तरक्की में अहम भागीदार हैं और ऐसे लोगों की सुरक्षा जरूरी है। इसलिए जो भी नीति बने वह इन लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाए।
दिन ब दिन बढ़ रहे मामले
कोर्ट ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं। सरकार के बेहतर प्रयासों के बावजूद इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और देश इसकी दवा की कमी से भी जूझ रहा है।