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उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में तिहाड़ में बंद छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा को मिली जमानत
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार छात्रा गुलफिशा फातिमा को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी है। वो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में तिहाड़ जेल में थी। 9 अप्रैल 2020 को जाफराबाद प्रदर्शन में सड़क बंद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एफआईआर संख्या 48/20 में उनके ऊपर आईपीसी कई धाराएं लगाई गई थीं। इस एफआईआर पर उन्हें 13 मई को जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके बाद आर्म्स एक्ट और यूएपीए जैसी धाराएं लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था।उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने फरवरी में हुई सांप्रदायिक ङ्क्षहसा के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा दावा आयोग (एनईडीआरसीसी) की शुरूआत की।
जस्टिस कांत ने आयोग की शुरूआत ऑनलाइन की और उन्होंने एक बयान में कहा कि दंगा पीड़ितों को न्याय देना समय की जरूरत है। जस्टिस कांत ने बयान में कहा, ''दंगा पीड़ितों को न्याय देना समय की जरूरत है। दंगा पीड़ितों को तत्परता के साथ मुआवजा दिया जाना चाहिए। मैं इस आयोग द्वारा इस उद्देश्य को प्राप्त करने की कामना करता हूं।''
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English summary
Delhi court grants bail to student activist Gulfisha Fatima in northeast Delhi riots case
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