कोरोना का फायदा उठा रहे साइबर अपराधी, इंटरनेट पर ना खोंले ऐसे लिंक
नई दिल्ली। चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैल गया है। लोग इंटरनेट पर कोरोना से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी जानना चाह रहे हैं। इसी का साइबर अपराधी फायदा उठा रहे हैं। सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट की रिसर्च शाखा ने हाल ही में खुलासा किया है कि, दुनिया भर के साइबर अपराधियों ने फ़िशिंग और अन्य मेलवेयर प्रोजक्ट शुरू किए हैं। जो कोरोनोवायरस के बारे में जानकारी लेने वाले लोगों को निशाना बना रही हैं।
50 फीसदी वेबसाइट लोगों की जानकारियां चुरा रही हैं
सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट की हालिया रिपोर्ट में, यह पाया गया कि इस साल जनवरी और फरवरी में बनाई गई कोरोनो वायरस से संबंधित वेबसाइटों में से 50 फीसदी वेबसाइट लोगों की जानकारियां चुरा रही हैं। मान लीजिए अगर आप कोरोना वायरस से संबंधित कोई जानकारी खोज रहे हैं तो आप ऐसी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जो आपकी अहम जानकारी चुरा सकती है। यही नहीं अपराधी कोरोना वायरस की जानकारी के नाम पर ईमेल भेजते हैं। जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही नहीं इलाज की जानकारी के लिए ये वेबसाइट पैसे भी मांग रही हैं।
कोरोना वायरस संबंधित 4000 से अधिक डोमेन रजिस्टर्ड
इटली में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। कई संगठनों के पास विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारिक ईमेल के तौर पर संदेश भेजे गए। जिसमें फिशिंग फाइल का अटेचमेंट था। जो किसी भी संगठन की जानकारी चुरा सकता है। चेक प्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी कोरोना वायरस की आड़ में लोगों को निशाना बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संबंधित 4000 से अधिक डोमेन रजिस्टर्ड हुए हैं।
बचने के हैं ये उपाय
शोधकर्ताओं ने पाया कि, कोरोना वायरस की जानकारी से संबधित रजिस्टर्ड साइट में तीन फीसदी हैंकिंग और डेटा चोरी के काम में संलिप्त हैं। जबकि 5 फीसदी डोमेन संदिग्ध पाए गए हैं। इसका मतलब है कि लोगों की आशंकाओं का फायदा उठाने के लिए लगभग 320 स्केच वाली वेबसाइटें ऑनलाइन थीं। इस फ्रॉड से बचने के लिए चेक प्वाइंट कहता है कि इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका है लुकलाइक URL और ईमेल पतों से सावधान रहें, और अटैचमेंट ना खोलें या किसी अपरिचित स्रोत से कुछ भी डाउनलोड न करना।
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