अगर सफल हुआ ये इलाज तो Coronavirus पर भारत की होगी बड़ी जीत, वेंटिलेटर से वापस आया पॉजिटिव मरीज
नई दिल्ली। कोरोना का वायरस लाख कोशिशों के बावजूद काबू में नहीं आ रहा है। दुनिया में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 24 लाख के पार पहुंच गई है। अब तक एक लाख 65 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं। वहीं बात अगर भारत की करें तो यहां 17000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और करीब 560 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई के बाद राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही। इसी बीच एक राहत देने वाली खबर सामने आ रही हैं और अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए बहुत बड़ी जीत होगी। जी हां दिल्ली में 49 साल के एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की प्लाज्मा थेरेपी के बाद हालत में सुधार आया है और उसकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।
प्राइवेट हॉस्पिटल ने किया दावा
दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल ने दावा किया है कि उनके अस्पताल में एक 49 साल के व्यक्ति को भर्ती कराया गया था। ये मरीज 4 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आया था। उसी वक्त से उनका इलाज किया जा रहा था लेकिन रोज उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। मरीज को वेंटिलेटर पर रख दिया गया था। जिसे देखते हुए दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उनको भर्ती किया गया। यहां इस मरीज को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। मैक्स अस्पताल ने बताया कि अब मरीज की हालत में सुधार आया है। उनको वेंटिलेटर से हटा लिया गया है।
8 अप्रैल को वेंटीलेटर पर रखा गया
मैक्स के हवाले से बताया गया कि रोगी को बुखार, खांसी जैसे लक्षण दिखने लगे जिसके बाद सांस लेने में समस्या होने लगी। जिसके बाद उसको अस्पताल में भर्ती किया गया। अगले कुछ दिनों के दौरान उनकी हालत बिगड़ती गई। मरीज में निमोनिया जैसे लक्षण दिखने लगे और सांस लेने में भारी परेशानी होने लगी। जिसके बाद उसको 8 अप्रैल को वेंटीलेटर पर रखा गया।
ऐसे शुरू हुआ प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग
दरअसल एक ही परिवार के कई लोग बीमार होने के बाद मैक्स में भर्ती हुए थे जिनमें से दो वेंटिलेटर पर चले गए थे। बाकी ठीक हो चुके थे। इसी बीच वेंटिलेटर पर मौजूद एक मरीज की मौत हो चुकी थी लेकिन दूसरा मरीज वेंटिलेटर पर ही था। इसी मरीज पर ट्रायल शुरू किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यक्ति के खून से अधिकतम 800 मिलीलीटर प्लाजमा लिया जा सकता है। वहीं कोरोना से बीमार मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज डालने के लिए लगभग 200 मिलीलीटर तक प्लाजमा चढ़ाया जा सकता है। इस तरह एक ठीक हो चुके व्यक्ति का प्लाजमा 3 से 4 लोगों के उपचार में मददगार हो सकता है।
क्या होती है प्लाज्मा थैरेपी
दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे। प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति खून से अलग कर निकाला जाता है। एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है। स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है जो उस वायरस से लड़ने के लिए होती है। एंटीबॉडी ऐसे प्रोटीन होते हैं जो इस वायरस को डिस्ट्रॉय या खत्म कर सकते हैं। तो वो एंटीबॉडी अगर प्लाज्मा के जरिए किसी मरीज को चढ़ाएं तो वह एंटीबॉडी अभी जो मरीज है जो उसके शरीर में मौजूद वायरस को मार सकती है। प्लाज्मा थेरेपी कोई नई थेरेपी नहीं है। डॉक्टरों का मानना है की ये एक प्रॉमिनेंट थेरपी है जिसका फायदा भी हुआ और कई वायरल संक्रमण में इसका इस्तेमाल भी हुआ है।
दिल्ली में सील हुए 5 नए इलाके
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आज 5 नए इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। इसी के साथ दिल्ली में सील किए गए इलाकों की संख्या बढ़कर 84 हो गई है। सोमवार को सील किए गए इलाकों में तुगलकाबाद एक्सटेंशन के लेन 24-28, ब्लॉक- जी जहांगीरपुरी, संजय एन्क्लेव के फ्लैट नंबर 265 से 500, त्रिलोकपुरी के ब्लॉक 34 और शालीमार बाग के ब्लॉक एएफ हैं। इन इलाकों में लोगों की आवाजाही पूर्णत प्रतिबंधित रहेगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी घर-घर जाकर लोगों का सर्वे करेंगे। साथ ही पूरे इलाके को सेनिटाइज करने का काम भी किया जाएगा।