बढ़ती कीमतों से निकल रहा आम आदमी का दम, अप्रैल में रिकॉर्ड 7.79 प्रतिशत पर पहुंची खुदरा महंगाई दर
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.79 प्रतिशत हो गई है। जबकि यह मार्च 2022 में 6.95 प्रतिशत थी।
नई दिल्ली, 12 मई: आम आदमियों पर महंगाई की मार जारी है। बढ़ती कीमतों से लोगों का दम निकल रहा है। अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। लोगों को महंगाई से राहत मिलने की बजाय दम निकल रहा है। मुद्रास्फीति आठ साल के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है।
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मुद्रास्फीति का आंकड़ा रिज़र्व बैंक की सीमा से ऊपर
जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.79 प्रतिशत हो गई है। जबकि यह मार्च 2022 में 6.95 प्रतिशत थी। वहीं अप्रैल 2021 में 4.21 प्रतिशत रही थी। उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा लगातार चार महीने से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की सीमा से ऊपर बना हुआ है। केंद्र ने खुदरा महंगाई को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का काम आरबीआई को सौंपा है।
महंगाई की मार जारी
मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मुख्य रूप से महंगे खाद्य पदार्थों के कारण बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 6.07 प्रतिशत थी। फूड बास्केट में मुद्रास्फीति मार्च में 7.68 प्रतिशत थी, जो पहले 5.85 प्रतिशत थी।
फल-सब्जियों
की
कीमतों
में
तेज
उछाल
आंकड़ों
के
मुताबिक,
अप्रैल
में
खाद्य
पदार्थों
की
कीमतों
में
भी
काफी
वृद्धि
हुई
है।
इस
महीने
खाद्य
महंगाई
मार्च
के
7.68
फीसद
से
बढ़कर
8.38
फीसद
पर
पहुंच
गई
है।
ग्लोबल
स्तर
पर
खाद्य
तेल
एवं
अनाजों
की
कीमतों
में
तेजी
सहित
घरेलू
स्तर
पर
फल-सब्जियों
की
कीमतों
में
तेज
उछाल
का
असर
खाद्य
महंगाई
पर
दिख
रहा
है।