'नोटबंदी के वक्त अमित शाह के सहकारी बैंक में जमा हुए सबसे ज्यादा 745 करोड़ रुपये के पुराने नोट'
नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी राष्ट्र अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में जिस सहकारी बैंक के डायरेक्टर हैं, वहां नोटबंदी के वक्त सबसे ज्यादा पैसा जमा हुए हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अमित शाह के सहकारी बैंक में 745 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए हैं। हालांकि, मुंबई के एक आरटीआई एक्टिविस्ट से इसका पता चला है और उसके बाद कांग्रेस भी बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी राष्ट्र अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके एक बैंक में 745 करोड़ रुपये जमा हो गए। आरटीआई के मुताबिक, देश में 8 नवंबर 2016 के नोटबंदी के बाद अमित के सहकारी बैंक में सबसे ज्यादा 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा हुए हैं।
आरटीआई के मुताबिक, पीएम मोदी के नोटबंदी की घोषणा के बाद अमित शाह जिस बैंक (अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कॉओपरेटिव बैंक) के डायरेक्टर हैं, वहां सिर्फ 5 दिन में ही 745.59 करोड़ जमा हुए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात में जिन सहकारी बैंकों पर बीजेपी का कब्जा है, वहां 3,118 करोड़ रुपये नोटंबदी के वक्त जमा हुए। सुरेजवाला ने आरोप लगाया कि देश के 370 सहकारी बैंकों में सबसे ज्यादा अमित शाह के बैंक में पुराने नोट जमा हुए हैं। सुरेजावाला ने आगे कहा कि जहां देशभर के जिन सहकारी बैंकों पर बीजेपी का कब्जा है, वहां सिर्फ 5 दिन में 14,300 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।
अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कॉओपरेटिव बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, 2000 में अमित शाह इस बैंक के चेयरमेन थे, लेकिन डायरेक्टर पद पर अभी भी बने हुए हैं। इस बैंक में 31 मार्च 2017 तक कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए, जिसमें 2016-17 में कुल 14.31 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ।
सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेस में आरटीआई का हवाला देते हुए कहा कि 10 नवंबर 2016 से 14 नवंबर 2016 तक अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कॉओपरेटिव बैंक में सबसे ज्यादा पुराने नोट 745 करोड़ रुपये जमा हुए। सुरजेवाला ने कहा कि इस बैंक के दूसरे डायरेक्टर यशपाल चुदास्मा और चेयरमेन अजय पटेल हैं। सुरजेवाला ने कहा कि यह दोनों ही अमित शाह के नजदिकी है, जिसमें से यशपाल तो सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह के साथ जेल भी जा चुके हैं।
सुरजेवाला ने आरटीआई का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी लागू होने के बाद राजकोट कॉपरेटिव बैंक में सिर्फ 5 दिन बाद ही 693 करोड़ रुपये जमा हुए और उसके चेयरमेन जयेशभाई विठ्ठलभाई राडाडिया है और वे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी के केबिनेट में मंत्री है।
आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन एस. रॉय ने यह जानकारी निकाली है। उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि नोटबंदी के बाद पहली बार राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी में पुराने नोटों जमा होने की जानकारी मिली है।