जम्मू-कश्मीर कोई रियल एस्टेट नहीं, बहाल हो पूर्ण राज्य का दर्जा: चिदंबरम
नई दिल्ली, 21 जून: जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल काफी ज्यादा तेज हो गई है। खबर है कि आगामी 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के 14 बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा भी की। वहीं दूसरी ओर अब इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की टिप्पणी सामने आई है। उनके मुताबिक जम्मू-कश्मीर कोई रियल एस्टेट नहीं है, ऐसे में उसके पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए।
चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस पार्टी ने रविवार को अपनी बात दोहराई है, जिसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। साथ ही किसी भी संदेह या अस्पष्टता को दूर करना चाहिए। वहीं संविधान में जो कुछ बनाया गया है, उसे संसद में एक एक्ट लाकर बदला नहीं जा सकता है और ना ही उसका दुरुपयोग किया जा सकता है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि याद रखें कि जम्मू-कश्मीर का दर्जा वापस लेने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई है, जो पिछले 2 सालों से लंबित है।
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चिदंबरम ने आगे कहा कि आने वाले मानसून सत्र में संसद को आपत्तिजनक कानूनों को निरस्त करना चाहिए, ताकी जम्मू-कश्मीर में यथास्थिति बहाल हो सके। कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान के लिए शुरुआती रेखा खींचने का यही एकमात्र तरीका है। अंतिम ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर एक 'राज्य' था, जिसने विलय के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और भारत में शामिल हो गया। उसे हमेशा उस स्थिति का फायदा लेने दीजिए, वो कोई रियल एस्टेट का टुकड़ा नहीं है। जम्मू-कश्मीर में लोग रहते हैं, उनके अधिकारों और इच्छाओं का सम्मान होना चाहिए।