जाति प्रमाण पत्र मामला: छत्तीसगढ़ के पूर्व CM अजीत जोगी के खिलाफ FIR दर्ज
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज कर की गई है। पुलिस ने बताया कि उन पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से आदिवासी होने का प्रमाण पत्र हासिल किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर जिले के गौरेला थाने में पुलिस ने अजीत जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
अजीत जोगी के खिलाफ केस दर्ज
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में मरवाही विधानसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने अजीत जोगी के खिलाफ ये केस दर्ज कराया है। बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने समीरा की शिकायत पर इंडियन पैनल कोड(आईपीसी) की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने आगे बताया कि समीरा पैकरा का आरोप है कि अजीत जोगी ने साल 1967 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप
बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत ने आगे बताया कि समीरा ने रिटायर्ड शासकीय अधिकारी पतरस तिर्की के शपथपत्र को अधार बनाकर पुलिस में शिकायत की थी। इस मामले की जांच चल रही है। पैकरा ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि तिर्की ने अपने शपथपत्र में बताया है कि वह साल 1967-68 में बिलासपुर में नायब तहसीलदार के रूप में तैनात थे और उन्होंने कभी भी अजीत जोगी को कोई भी जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था। उन्होंने आगे कहा कि तिर्की ने शपथ पत्र में कहा है कि यदि मेरे द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी जाति प्रमाण पत्र अजीत जोगी प्रस्तुत करते हैं वह झूठा और असत्य है। इस अधार पर उन्होंने (समीरा पैकरा) जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
अमित जोगी जेल में हैं बंद
पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने पाया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति के सदस्य के रूप में योग्य नहीं हैं। इसके बाद 73 साल के अजीत जोगी के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। जोगी छत्तीसगढ़ के पहले सीएम थे। इससे पहले समीरा पैकरा की शिकायत पर पुलिस ने बीते मंगलवार को अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 3 सितंबर को उन्हें जेल भेज दिया गया था।
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़: जांच कमेटी ने पूर्व सीएम अजीत जोगी को नहीं माना आदिवासी, छिन सकता है MLA पद