एक कदम और आगे बढ़ा चंद्रयान-2, चौथी बार बदली सफलतापूर्वक कक्षा
नई दिल्ली। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को रवाना किया चंद्रयान-2 लगातार अपने लक्ष्य की ओर से आगे बढ़ रहा है। इसरो की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार, 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट पर चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक पृथ्वी के चौथी कक्षा में पहुंच गया है। इसी के साथ यान आखिरी ऑर्बिट में 6 अगस्त को पहुंचेगा।
बता दें कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया गया था। 29 जुलाई को चंद्रयान-2 पृथ्वी के तीसरी कक्षा में प्रवेश किया था। इसके साथ ही मिशन चंद्रयान-2 चांद के पथ पर पहुंचने से केवल दो कदम दूर रह गया है। इस तरह से चंद्रयान-2 धरती की एक-एक कक्षाओं में प्रवेश करते जा रहा है और ऑर्बिट को सफलता पूर्व बदलते जा रहा है।
अब इसकी पेरिजी 277 किमी और एपोजी 89,472 किमी कर दी गई है। अभी 6 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रयान-2 ने कक्षा को बदला जाएगा। जब चंद्रयान-2 के तीसरे कक्षा परिवर्तन के लिए 29 जुलाई को दोपहर 3:12 बजे यान में मौजूद तरल एपोगी मोटर (लैम) को 98 9 सेकंड तक फायर किया गया था। इसके बाद चंद्रयान 276 किमी (पेरिगी-धरती से यान की न्यूनतम दूरी) गुणा 71,792 किमी (एपोगी-धरती से यान की अधिकतम दूरी) वाली अंडाकार कक्षा में चला गया था।
दूसरा
मून
मिशन
है
चंद्रयान-2
चंद्रयान-2
भारत
का
दूसरा
मून
मिशन
है
और
पहला
मिशन
चंद्रयान
साल
2008
में
लॉन्च
हुआ
था।
15
जुलाई
को
आई
एक
तकनीकी
खामी
को
दुरुस्त
करने
के
बाद
इसरो
ने
सोमवार
को
चंद्रयान-2
लॉन्च
किया।
चंद्रयान
2
का
मकसद
चांद
के
करीब
स्थित
ध्रुवों
पर
मौजूद
वाटर
आइस
और
दूसरे
जटिल
पदार्थों
का
अध्ययन
करना
है।
नेशनल
जियोग्राफिक
के
मुताबिक
इस
रिसर्च
से
वैज्ञानिकों
को
चांद
और
सोलर
सिस्टम
के
बारे
में
जानकारी
हासिल
करने
में
सफलता
मिलेगा।
यह भी पढ़ें- चंद्रयान-2 के बाद तीसरे मून मिशन की तैयारी में ISRO, इस देश के साथ मिलकर पूरा होगा कार्यक्रम