पीएम CARES फंड की राशि बताने की मांग को लेकर याचिका दाखिल, सरकार ने किया विरोध
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को महाराष्ट्र उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच से उस याचिका को खारिज करने की मांग की जिसमें कोविड-19 महामारी के बीच सरकार द्वारा गठित सार्वजनिक परोपकार ट्रस्ट 'आपात स्थिति प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष' (पीएम केयर्स फंड) द्वारा प्राप्त राशि की घोषणा किये जाने का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही केंद्र ने पीएम केयर्स फंड को प्राप्त हुई राशि की घोषणा करने से इनकार कर दिया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ से कहा कि वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए। हालांकि पीठ ने इ मामले में सरकार को थोड़ी राहत देते हुए अपना जवाब दो सप्ताह के अंदर दाखिल करने के लिए कहा है। बता दें कि, अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एस बी शुक्रे और ए एस किलर की एक डिवीजन बेंच द्वारा पीएम CARES फंड के खिलाफ इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
याचिका में दावा किया गया है, पीएम केयर्स फंड के दिशानिर्देशों के अनुसार, चेयरपर्सन और तीन अन्य ट्रस्टियों के अलावा, चेयरपर्सन को तीन और ट्रस्टियों की नियुक्ति या नामित करना था। हालांकि, 28 मार्च, 2020 को ट्रस्ट के गठन के बाद से आज तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है। याचिका में सरकार और ट्रस्ट से उचित जांच और पारदर्शिता के लिए विपक्षी दलों के कम से कम दो सदस्यों को नियुक्त करने या नामित करने के लिए एक दिशानिर्देश की मांग की गई है।
अर्जी में कहा गया है, आम जनता के विश्वास मजबूत करने के लिए, सरकार को पीएम केयर्स ट्रस्ट द्वारा आज तक एकत्रित धन के साथ ही यह घोषणा करने का निर्देश जारी करना जरूरी है। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जबकि रक्षा, गृह और वित्त विभाग के मंत्री उसके सदस्य हैं। इसमें कहा गया है कि ट्रस्ट की स्थापना कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए देश और विदेशों से लोगों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए की गई है।
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