मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले बोले- धीरे-धीरे खाते में आएंगे 15-15 लाख, आरबीआई से की जा रही मांग
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नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने लगातार अपने चुनावी भाषण में लोगों से 15-15 लाख रुपये बैंक अकाउंट में आने की बात कही थी, हालांकि सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं किया गया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश भी की थी। अब 2019 के लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं, ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार मंत्री रामदास अठावले ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। अठावले ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 15-15 लाख रुपये धीरे-धीरे सभी लोगों के खाते में आएंगे। इसको लेकर आरबीआई से मांग की जा रही है, लेकिन वो इसे दे नहीं रहे।
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महाराष्ट्र में बोले केंद्रीय मंत्री अठावले
महाराष्ट्र के सांगली जिले के इस्लामपुर में केंद्रीय समाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने मराठी में बोलते हुए कहा कि हर नागरिक के खाते में 15 लाख जमा करने का वादा सरकार ने किया था, लेकिन इतनी बड़ी रकम सरकार के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मांग की जा रही है, लेकिन वो दे नहीं रहे हैं। इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं हैं। अठावले ने कहा कि यह एक साथ नहीं हो पाएगा, हालांकि धीरे-धीरे हो जाएगा।
बीजेपी-शिवसेना गठबंधन पर दी प्रतिक्रिया
रामदास अठावले ने इस दौरान बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना को एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए। चुनाव से पहले दोनों पार्टियों को मिलकर सीटों का बंटवारा कर लेना चाहिए। वहीं प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि जिस भी पार्टी के ज्यादा विधायक हों राज्य में उनका ही मुख्यमंत्री होना चाहिए या फिर ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला भी दोनों पार्टियां अपना सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दल चाहें तो मैं इसके लिए दोनों से बात करके मध्यस्थता कर सकता हूं।
केंद्रीय समाजिक न्याय मंत्री हैं रामदास आठवले
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने लगातार अपने चुनावी भाषण में लोगों से 15-15 लाख रुपये बैंक अकाउंट में आने की बात कही थी, हालांकि सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं किया गया। दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों ने नरेंद्र मोदी के इस ऐलान को लेकर उन्हें जमकर घेरने की कोशिश की। जिसके बाद बीजेपी नेताओं की ओर से कहा गया था कि चुनाव में पार्टी की ओर से ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। पार्टी नेताओं ने इसे महज राजनीतिक जुमला बताया था।
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