15 राज्यों में निजी वैक्सीनेशन सेंटर पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- ये चिंता वाली बात
नई दिल्ली, जुलाई 14। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे के बीच देश में टीकाकरण की रफ्तार धीमी पड़ गई है, जिस पर केंद्र सरकार ने चिंता जाहिर की है। दरअसल, बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों से कहा कि आपके राज्यों में निजी टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई जो कि 'गंभीर चिंता' की बात है।
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वैक्सीन खरीद की स्थिति की हो समीक्षा- स्वास्थ्य मंत्रालय
आपको बता दें कि बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने कहा कि निजी केंद्रों के द्वारा रोजाना कोविड-19 वैक्सीन खरीद की स्थिति और प्रगति की समीक्षा की जाए। PCVCs के माध्यम से टीकाकरण की धीमी गति को उजागर करते हुए राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे PCVCs द्वारा दैनिक आधार पर टीके की खरीद की स्थिति की समीक्षा करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने PCVCs और वैक्सीन निर्माताओं के बीच समन्वय बिठाने की सलाह दी है ताकि वैक्सीनेशन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि कई मामलों में राज्य सरकार ने कोविड-19 टीकों के लिए मांगपत्र दिया लेकिन पूरा भुगतान नहीं किया गया। इसमें कहा गया है, ''कुछ मामलों में जितनी खुराक मंगायी गयी थी उसके लिए पूरा भुगतान नहीं किया गया। राज्य सरकारों तथा पीसीवीसी को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि मांगे गए टीकों की खुराक और भुगतान के बीच अंतर शून्य रखा जाए।''
बैठक में इन राज्यों के स्वास्थ्य सचिव थे शामिल
आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ मीटिंग में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के स्वास्थ्य सचिवों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भाग लिया। इसके अलावा भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के नोडल प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए।