केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आधार ऐच्छिक नहीं, अनिवार्य है
अभी तक आधार कार्ड संबंधित जितने विज्ञापन समाचार पत्रों में आते थे, उनमें लिखा रहता था कि आधार ऐच्छिक है, अनिवार्य नहीं।
नई दिल्ली। अभी तक आधार कार्ड संबंधित जितने विज्ञापन समाचार पत्रों में आते थे, उनमें लिखा रहता था कि आधार ऐच्छिक है, अनिवार्य नहीं। पर अब सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कि आधार कार्ड स्वैच्छिक नहीं बल्कि अनिवार्य है।
केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि आधार कार्ड को किसी भी योजना में लागू किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आधार अधिनियम की धारा-7 में ये साफ दिया हुआ है कि आधार विभिन्न कार्यों के लिए अनिवार्य है, पर याचिकाकर्ता इसे समझ नहीं रहे हैं।
केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में न्यायालय में दलील दी गई कि आधार कार्ड पहचान संबंधी धोखाधडी से बचने के लिए है ये आधुनिक तरीका है। आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट और रेटिना की पहचान ली जाती है और डाटा सुरक्षित तरीके से स्टोर किया जाता है। देशभर में 113.7 करोड़ लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देशभर में 29 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है, जिसमें से केवल 5 करोड़ लोग ही करदाता हैं। 24 करोड़ लोग ऐसे है, जिन्होंने पैन कार्ड केवल पहचान पत्र के लिए बनवाए हैं। पैन कार्ड में नाम, पहचान, फोटो और जन्म की तारीख होती है, पहचान होती है।
पैन कार्ड बनवाने के लिए पहचान पत्र की जरूरत है, जैसे राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस, जिसकी संभावना ज्यादा है कि वो फर्जी हो सकते हैं। इसलिए आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार जरूरी किया गया है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी होगी।