CAA Protest: दादा के शव को दफनाने जा रहे युवक को पुलिस ने भेजा नोटिस
लखनऊ। पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में लखनऊ में बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान शरारती तत्वों ने कई जगह आगजनी की, पुलिस पर पत्थर फेंके और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया। लोगों के हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से हुए नुकसान की भरपाई किए जाने का ऐलान किया था। लेकिए मुख्यमंत्री के इस ऐलान की चपेट में कुछ ऐसे लोग भी आ गए जिनका इस हिंसा से कोई लेना देना नहीं है।
बीच रास्ते से उठा ले गई पुलिस
दरअसल पुराने लखनऊ के निवासी जिन्हें प्रशासन की ओर से नोटिस भेजा गया है उनका कहना है कि वह अपने दादा के शव को दफनाने के लिए जा रहे थे, लेकिन इसी दौरान पुलिस ने उन्हें उठा लिया। लखनऊ प्रशासन ने समद अनवर (20) को नोटिस भेजा है जोकि खदरा इलाके के रहने वाले हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। उनके पिता मुजीब अनवर ने बताया कि वह खुद सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि उनका बेटा समद आईआईएम में बतौर ड्राइवर काम करता है।
तबीयत बिगड़ने पर कराया भर्ती
जिस दिन लखनऊ की सड़क पर हिंसा हुई जिसमे दो प्रदर्शनकारी मारे गए, उस दिन समद अपने दादा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। उनके दादा का निधन भी उसी दिन हुआ था। प्रदर्शन के दौरान समद सड़क पर गिर गए और पुलिस उन्हें दौड़ाने लगी। पुलिस ने उन्हें प्रदर्शनकारी समझा और पुलिस स्टेशन ले गई। जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। समद अस्थमा के मरीज हैं। समद की तस्वीर को पुिलस की ओर से प्रदर्शनकारी के तौर पर जारी किया गया है।
पुलिस बता रही है भीड़ का हिस्सा
समद को जो नोटिस दी गई है उसमे कहा गया है कि समद प्रशासन को बताएं कि आखिर क्यों उनके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जबकि वह हिंसका भीड़ का हिस्सा थे। पुलिस की नोटिस के बाद समद का परिवार काफी पीड़ा में है। प्रदर्शन के दिन जब समद को गिरफ्तार किया गया तो उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें भाऊराउ देवरस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत को देखते हुए पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन उन्हें नोटिस भेज दी है। समद के पिता का कहना है कि उनके बेटे की तबीयत अक्सर खराब रहती है। मैं खुद सरकारी कर्मचारी हूं और कभी भी अपने बेटे को प्रदर्शन में हिस्सा लेने नहीं भेजूंगा।