बुलंदशहर: कौन है जीतू फौजी, जो वीडियो में इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारता दिखा
आखिर कौन है बुलंदशहर का जीतू फौजी, जो वीडियो में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारता हुआ नजर आया।
नई दिल्ली। बुलंदशहर में गोहत्या की खबर पर फैली हिंसा में पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने के आरोपी जीतू फौजी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख्स बवाल के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारता हुई नजर आया था। पुलिस के पास जब यह वीडियो पहुंचा को उसने इस शख्स की पहचान जीतू फौजी के रूप में की। जीतू फौजी का नाम 27 नामजद लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में भी था। पुलिस की एक स्पेशल टीम ने शुक्रवार को जीतू फौजी को जम्मू से गिरफ्तार कर लिया।
कौन है जीतू फौजी
पुलिस के मुताबिक, जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी भारतीय सेना में जम्मू के कारगिल में तैनात था और बुलंदशहर हिंसा के दौरान छुट्टी लेकर अपने घर आया हुआ था। महाब गांव के रहने वाले जीतू की पहचान इसी मामले में पकड़े गए तीन अन्य आरोपियों चमन, देवेंद्र और आशीष ने भी की। उन्होंने बताया कि जीतू ने ही इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारी थी। पुलिस के मुताबिक गोली मारने के बाद जीतू सुबोध की पिस्टल और मोबाइल लेकर भी भाग गया था। बुलंदशहर हिंसा के तुरंत बाद जीतू जम्मू चला गया और वहां जाकर ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। पुलिस अब इस मामले में जीतू से पूछताछ कर रही है।
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वीडियो से हुई जीतू की पहचान
आपको बता दें कि बुलंदशहर हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में नजर आ रहा था कि गांव के एक युवक सुमित को गोली लगने के बाद जीतू फौजी नामक शख्स इंस्पेक्टर पर कट्टा तानकर गोली चला रहा था। वीडियो देखने के बाद पुलिस के बड़े अधिकारियों ने जम्मू में सेना के अधिकारियों से बात की और पुलिस की एक टीम उसे पकड़ने के लिए जम्मू रवाना हो गई। शुक्रवार को पुलिस टीम जीतू को पकड़कर बुलंदशहर ले आई। हालांकि बुलंदशहर हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज अभी तक पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहा है।
क्या हुआ था बुलंदशहर के स्याना में
आपको बता दें कि बीते सोमवार को बुलंदशहर के स्याना इलाके में एक खेत में गोकशी की सूचना पर हिंदू संगठनों के लोग भड़क गए थे। गुस्साई भीड़ गांव की पुलिस चौकी पर पहुंची और इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास किया। वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बावजूद लोग शांत नहीं हुए और देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया। भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी और पुलिस चौकी के ऊपर पथराव शुरू कर दिया। बवाल के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य युवक सुमित, जो प्रदर्शनकारियों में शामिल था, की गोली लगने से मौत हो गई।
सुबोध की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे
इंस्पेक्टर सुबोध की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सुबोध को कुछ दूर से गोली मारी गई थी और गोली लगने से पहले उनके ऊपर पत्थरबाजी भी की गई। रिपोर्ट में इंस्पेक्टर सुबोध के सिर पर गोली का एक निशान मिला है। गोली उनके सिर में घुसी और उसके बाद खोपड़ी में ही फंस गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें गोली लगने का घाव 1 सेमी से 1.5 सेमी के बीच है। सुबोध के सिर के एक्सरे को देखने पर स्पष्ट तौर पर पता चला कि गोली उनके सिर के पिछले हिस्से में फंस गई। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके सिर में पत्थर लगने के भी 4 से 6 घाव मिले हैं।
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