क्या कर रहे हैं पिछले 20 सालों के Board Toppers ? आधे से ज्यादा देश से बाहर
नई दिल्ली। Board Toppers of India: बोर्ड परीक्षा का नाम सुनते ही आपको अपने दिन याद जरूर आ जाते होंगे। पहली बोर्ड परीक्षा और उसका प्रेशर पूरी जिंदगी नहीं भूलता। हर साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में टॉप होने वाले मीडिया में हेडलाइन में जगह पाते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा कि टॉप होने के बाद ये लोग अपनी जिंदगी में कर रहे हैं ? कहां रह रहे हैं और जिंदगी में किस मुकाम पर हैं। पिछले 20 साल से जो लोग हर साल बोर्ड परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप कर रहे हैं वे कहां हैं ?
साइंस और टेक रही पहली पसंद
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से 2015 के बीच देश में सीबीएसई और सीआईएससीई से पास हुए देश भर के टॉपर्स में आधे से अधिक विदेशों में रह रहे हैं। अधिकांश का सपना अमेरिका में रहना है लेकिन अभी कहां हैं हम आगे बताएंगे। अधिकांश के लिए पढ़ाई का पसंदीदा विषय साइंस और टेक्नॉलॉजी रहा, उसमें भी आईआईटी से पढ़ना नंबर वन पसंद रही। चौकाने वाली बात यह थी इन टॉपर्स में आधे से ज्यादा मेट्रो सिटी से बाहर के टायर-2 और टायर-3 शहरों में पले-बढ़े हैं। हालांकि इनमें अल्पसंख्यकों और समाज के पिछले तबके का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। सिर्फ एक टॉपर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति से एक भी नहीं है। ये देखा गया है कि टॉप करने वाली लड़कियों को लड़कों की तुलना में विदेश जाने की कम आजादी मिली है। इंडियन एक्सप्रेस ने 1990 से लेकर 2015 के बीच में टॉप करने वाले 86 लोगों से संपर्क किया था।
आधे से ज्यादा विदेशों में
इस दौरान टॉप हुए छात्रों में आज कई ऊंचे मुकाम पर हैं। इन टॉपर्स में एक न्यूयॉर्क में कैंसर डॉक्टर है तो एक एमआईटी से पीएचडी में है। एक हार्वर्ड में प्रोफेसर है तो एक सिंगापुर में फंड मैनेजर है। वहीं सबसे ज्यादा यानि 11 लोग टेक की दिग्गज कंपनी गूगल में काम कर रहे हैं।
21 से 42 साल की उम्र के बीच वाले आधे से अधिक टॉपर्स इस समय विदेशों में रह रहे हैं। अधिकांश नौकरी कर रहे हैं। उनमें से एक चौथाई अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। इन टॉपर्स की सबसे पसंदीदा जगह अमेरिका है। हर चार में तीन अमेरिका में है। जबकि बाकी ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, चीन, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश में हैं।
विदेश में रहने वाले इन टॉपर्स में अधिकांश टेक सेक्टर में काम कर रहे हैं। इसके बाद मेडिसिन और फाइनेंस सेक्टर उनकी पसंद है। अमेरिका में काम करने वाले 10 लोगों में से चार लोग सिलिकॉन वैली में काम करते हैं। और हां गूगल जैसा कि सबकी पसंदीदा जगह है तो भारतीय टॉपर्स भी पीछे नहीं हैं। 11 टॉपर्स ऐसे हैं जो गूगल में काम कर रहे हैं।
ज्यादातर अच्छी पढ़ाई के लिए गए विदेश
अगर इन टॉपर्स के विदेश जाने की वजह की बात करें तो अधिकांश अच्छी पढ़ाई के लिए बाहर गए थे। 86 में से 70 प्रतिशत टॉपर्स अपनी अंडर ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करने के लिए विदेश पहुंचे। केवल 10 या 12 ही ऐसे थे जो केवल नौकरी करने के लिए गए।
86 में से 48 टॉपर्स ने अपनी अंडर ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग को चुना जबकि 12 मेडिकल के क्षेत्र में गए। इंजीनियर की पढ़ाई करने वालों में हर 10 में 6 ने आईआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली।
वहीं कई सारे टॉपर्स ऐसे भी हैं जो बाहर से पढ़ाई करने के बाद वापस स्वदेश लौट आए। इनमें से अधिकांश ने आगे के कैरियर के लिए फाइनेंस को चुना। उसके बाद टेक सेक्टर, सलाहकार और फिर व्यापार को तरजीह दी है।