यूपी में आखिरी चरण की वोटिंग से पहले मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची बीजेपी, वोटरों को प्रभावित करने का लगाया आरोप
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के आखिरी और सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को है। रविवार को सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 59 सीटो पर मतदान होगा। इस चरण में राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर भी मतदान होगा। बीजेपी ने साल 2014 में इन सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। 19 मई को पूर्वांचल की जिन 13 सीटों पर वोटिंग होनी है, साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने ये सभी सीटें जीती थी। बीजेपी शनिवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच गई। उन्होंने लखनऊ के चीफ इलेक्शन ऑफिसर को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की।
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मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) प्रमुख की शिकायत करते हुए लखनऊ के चीफ इलेक्शन ऑफिसर को लिखे पत्र में कहा है कि मायावती ने 7 वें चरण के चुनाव प्रचार की समय सीमा खत्म होने के बाद भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ट्वीट किए। गौरतलब है कि सातवे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम समाप्त हो गया था। यूपी में महागठबंधन और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर की संभावना जताई जा रही हैं।
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मायावती ने ट्वीट में क्या लिखा
मायावती ने शनिवार को किए अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि पूर्वांचल के साथ यह वादाखिलाफी व विश्वासघात तब हुआ है जब पीएम व यूपी के सीएम इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। योगी को तो गोरखपुर ने ठुकरा दिया है तो क्या ऐसे में पीएम श्री मोदी की जीत से ज्यादा वाराणसी में उनकी हार ऐतिहासिक नहीं होगी? क्या वाराणसी 1977 का रायबरेली दोहराएगा? बीएसपी सुप्रीमो का इशारा साल 1977 में हुए आम चुनाव में रायबरेली सीट के नतीजे पर थी। इमरजेंसी खत्म होने के बाद हुए इस आम चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को रायबरेली सीट पर समाजवादी नेता राज नारायण के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था।
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'मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार ने हिंसा दी'
मायावती ने एक और ट्वीट में लिखा कि पीएम श्री मोदी का गुजरात माडल यूपी के पूर्वांचल की भी अति-गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन को दूर करने में थोड़ा भी सफल नहीं हो सका, जो घोर वादाखिलाफी है। मोदी-योगी की डबल इंजन वाली सरकार ने विकास के बजाए केवल जाति व साम्प्रदायिक उन्माद, घृणा व हिंसा ही देश को दिया है, जो अति-दुःखद।
वाराणसी पर देश की नजर
उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट लोकसभा सीट से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। इस बार उनका मुकाबला महागठबंधन की प्रत्याशी शालिनी यादव और कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय से है। गौरतलब है कि मोदी ने पिछली बार पहला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी को चुना था और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों के अंतर से हराया था। नरेंद्र मोदी को इस चुनाव में कुल 5,81,022 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत और कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोट मिले थे। साल 2014 में पीएम मोदी को 56.37 फीसदी वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाले आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को सिर्फ 20.30 फीसदी वोट मिल थे। कांग्रेस के अजय राय को तब महज 7.34 फीसदी लोगों ने वोट दिया था।