औरंगाबाद हिंसा: दंगा आरोपी भाजपा नेता पुलिस कस्टडी से फरार
पटना। बिहार के औरंगाबाद में सोमवार को निकाली गई रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए पथराव के आरोप में गिरफ्तार किए गया भाजपा नेता अनिल सिंह पुलिस कस्टडी से फरार हो गया है। अनिल सिंह उस वक्त फरार हुआ जब पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी। आरोपी अनिल सिंह हिंदू सेवा समिति की ओर से आयोजित राम नवमी जुलूस के मुख्य आयोजकों में से एक है। गौरतलब है कि 25 और 26 मार्च को औरंगाबाद में भड़की सांप्रदायिक हिंसा मामले में अनिल सिंह के अलावा स्थानीय भाजपा प्रवक्ता उज्जवल कुमार और एबीवीपी नेता दीपक कुमार का नाम भी शामिल है।
इन सभी आरोपिया पर आईपीसी की धारा 120B, 147, 158 और 149, 295A के तहत एफआईआर (95/2018) में दर्ज की गई है। औरंगाबाद के एसपी सत्य प्रकाश ने बताया कि लापरवाह पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं आरोपी के पुलिस खोज रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज से ड्रॉप आउट है। वह अपने छात्र जीवन ने एबीवीपी से जुड़ा, बाद में राजपूत नेता आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गया। अनिल सिंह को साल 1999 में अपने चचेरे भाई की हत्या मामले में आरोपी रह चुका है। हालांकि बाद में उसे आरोपों से बरी कर दिया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अनिल सिंह पूर्व में सात वर्ष की सजा काट चुका है। साल 2007 में वह भाजपा में शामिल हुआ।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, अनिल सिंह ने साल 2010 में भाजपा नेता रामधर सिंह के लिए एक चुनावी अभियान भी चलाया था। जिसके चलते वे औरंगाबाद विधानसभा सीट जीते और बाद में मंत्री भी बने। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंह ने सुशील कुमार सिंह के लिए चुनावी अभियान चलाया, जो इस सीट पर भारी मतों से जीते। मामले में सासंद सुशील कुमार ने बताया कि, 'अनिल सिंह कुछ समय के लिए भाजपा से जुड़े रहे हैं और उन्होंने मेरे लिए चुनाव प्रचार भी किया है।'