क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

2019 में प्रचंड बहुमत के बाद अब क्या है BJP का अगला टारगेट, दिग्गज नेता ने किया खुलासा

भाजपा के एक दिग्गज नेता ने खुलासा करते हुए बताया है कि 2019 में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद अब मोदी और शाह का अगला टारगेट क्या है...

Google Oneindia News

नई दिल्ली। 'मोदी लहर' पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटों पर भगवा लहराकर इतिहास रच दिया है। केंद्र में मोदी सरकार को वापस लौटने से रोकने के लिए बनाई गईं विपक्ष की तमाम रणनीतियां 'मोदी की आंधी' में धरी रह गईं। इस लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है, जिसका 17 राज्यों में पूरी तरह सफाया हो गया। हार के बाद जहां कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने अगले टारगेट को पूरा करने में जुट गई है। भाजपा के दिग्गज नेता और त्रिपुरा व आंध्र प्रदेश के प्रभारी सुनील देवधर ने बताया है कि पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद अब 2024 के लिए अपना लक्ष्य तय कर लिया है।

'अगला टारगेट है 333 और ऐसे होगा पूरा'

'अगला टारगेट है 333 और ऐसे होगा पूरा'

एचटी की खबर के मुताबिक, भाजपा के मुख्य रणनीतिकारों में शामिल सुनील देवधर ने बताया, '2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो टारगेट तय किया है, वो 333 सीटों का है। 2014 के लोकसभा चुनाव में हम 282 सीटें जीते थे और 2019 में 303 सीटों पर हमें विजय मिली, लेकिन अब हम इससे आगे बढ़ना चाहते हैं। हमारा कोर मंडल पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक है, जिनके जरिए हमें 2024 का राह तय करनी है। हमें अगर 2024 में 333 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचना है तो इन राज्यों पर विशेष ध्यान देना होगा। मिशन 333 तभी संभव हो सकता है जब बीजेपी 'हिंदी' बोलने वालों की पार्टी होने की धारणा को खत्म करे।'

ये भी पढ़ें- बेगूसराय में कन्हैया को हराने वाले गिरिराज सिंह रामदेव के बयान पर क्या बोले?ये भी पढ़ें- बेगूसराय में कन्हैया को हराने वाले गिरिराज सिंह रामदेव के बयान पर क्या बोले?

'पार्टी खड़ा करने पर पूरा जोर, गठबंधन पर नहीं'

'पार्टी खड़ा करने पर पूरा जोर, गठबंधन पर नहीं'

आरएसएस से भाजपा में आए सुनील देवधर ने आगे कहा, 'मैंने तेलुगु भाषा सीखनी शुरू कर दी है। पूर्वी भारत और उत्तर पूर्व में पार्टी के कामकाज में मदद के लिए मैं पहले ही बंगाली भाषा सीख चुका हूं। अगर आपको लोगों के साथ दिल से जुड़ना है तो आपको उनकी भाषा आनी ही चाहिए। दक्षिण भारत के पांच राज्यों में से चार में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। हम सिलसिलेवार ढंग से अपनी पार्टी को इन राज्यों में खड़ा करेंगे। इन राज्यों में बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों को नियुक्त किया जाएगा, आरएसएस के साथ मिलकर पार्टी उन मुद्दों की पहचान करेगी जिन्हें जनता के बीच उठाए जाने की आवश्यकता है। अभी हमारा पूरा फोकस अपनी पार्टी को अकेले दम पर खड़ा करने का है, गठबंधन बनाने पर नहीं।'

तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में नहीं खुला BJP का खाता

तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में नहीं खुला BJP का खाता

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक की 28 में से 25 सीटों और तेलंगाना की 17 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की है। हालांकि तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई। इसपर जवाब देते हुए सुनील देवधर ने कहा, 'कर्नाटक में हम इसलिए सफल हो पाए क्योंकि यह मुख्यधारा के राज्यों में है। तमिलनाडु और तेलंगाना जैसी स्थिति कर्नाटक में नहीं है और कर्नाटक में जेडीएस की पकड़ केवल कुछ इलाकों में हैं, नाकि पूरे राज्य पर।' आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 और एनडीए ने 353 सीटों पर जीत हासिल की है। प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा अब सरकार गठन की तैयारियों में जुट गई है और आने वाली 30 मई को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगें।

कौन हैं सुनील देवधर

कौन हैं सुनील देवधर

सुनील देवधर मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और अपनी सोशल इंजिनियरिंग व बूथ लेवल मैनेजमेंट के लिए जाने जाते हैं। देवधर 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर पीएम मोदी के चुनाव प्रबंधक भी रह चुके हैं। त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत दिलाने में सबसे बड़ा योगदान सुनील देवधर का ही था। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान सुनील देवधर ने कहा था कि त्रिपुरा में भाजपा का संगठन खड़ा करने के लिए उन्होंने खुद पर बहुत काम किया। सुनील देवधर ने कहा कि उन्हें अपनी फूड हैबिट तक में भी बदलाव करना पड़ा और यहां पोर्क यानि सूअर का मांस भी खाना पड़ा। सुनील देवधर संघ के स्वयंसेवक रह चुके हैं।

ये भी पढ़ें- हार के बाद सपा दफ्तर में अखिलेश-मुलायम की पहली मीटिंग, अब ये होगा अगला कदमये भी पढ़ें- हार के बाद सपा दफ्तर में अखिलेश-मुलायम की पहली मीटिंग, अब ये होगा अगला कदम

हार से कांग्रेस में मचा हुआ है हड़कंप

हार से कांग्रेस में मचा हुआ है हड़कंप

वहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता लोकसभा के इस चुनाव में हार गए हैं, जिनमें खुद अमेठी लोकसभा सीट से राहुल गांधी समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री और कई प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं। इस हार के बाद शनिवार को बुलाई गई CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की, जिसे कमेटी के सदस्यों ने अस्वीकार कर दिया। राहुल गांधी अभी भी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए है और उन्हें उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं। राहुल गांधी के अलावा यूपी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, कर्नाटक के चुनाव प्रचार प्रभारी एचके पाटिल, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत कई अन्य नेता भी अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं।

Comments
English summary
BJP Decides Target For 2024 After Huge Victory In Lok Sabha Elections 2019.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X