‘माउंटेन मैन’ मांझी की प्रतिमा का अनावरण कर नीतीश कुमार ने किया ये बड़ा ऐलान
गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को गेहलौर घाटी मैदान में हथौड़ी और छेनी से पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले माउंटेन मैन दशरथ मांझी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। मौका था मांझी के पैतृक गांव में उनके नाम से होने वाले महोत्सव के उद्घाटन का । इस दौरान उन्होंने दशरथ मांझी की स्मृति को नमन करते हुए हर दबे-कुचले और वंचितों को न्याय व विकास के लिए अपने 'दशरथ'प्रयास का संकल्प दोहराया। सीएम ने कहा कि गेहलौर मुझे प्रेरणा देता है।
महोत्सव के दौरान नीतीश कुमार ने गया जिले के मोहड़ा प्रखंड की गेहलौर घाटी में दशरथ मांझी द्वारा छेनी-हथौड़े से पहाड़ काटकर बनाई गई सड़क को बेहतर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा सड़क कहीं-कहीं ऊंची है जिससे लोगों को चढने में परेशानी होती है, इसलिए इसको बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने अपने भाषण के दौरान दशरथ मांझी की उस जिद का भी बार-बार उल्लेख किया, जिसके लिए उन्हें आज दुनिया जानती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दशरथ मांझी 22 साल तक लगातार इस पहाड़ी को तोड़ते रहे, क्योंकि उनकी पत्नी की उनके लिए खाना ले जाते वक्त इससे गिरकर मौत हो गई थी।
नीतीश ने कहा यह जख्म किसी और को न हो इसलिए दशरथ मांझी ने समाज के लिए रास्ता बना दिया। उन्होंने आगे कहा, मांझी का यह रास्ता सामान्य नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। यह बुहत कुछ सिखाता है। वर्ष 2006 में दशरथ मांझी के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, वह एक बार आए थे जब मैं जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा मैंने जब उन्हें देखा तो अपनी कुर्सी छोड़ दी और उनसे मीडियाकर्मियों से अपनी दुर्लभ उपलब्धि के बारे में अनुभव साझाा करने का आग्रह किया। आपको बता दें कि मांझी ने 22 साल में छेनी और हथौड़े के मदद से पहाड़ को काटकर 110 मीटर लंबा रास्ता बना दिया था। इससे गया के अतरी और वजीरगंज ब्लॉक की दूरी 55 किलोमीटर से घटकर 15 किलोमीटर रह गयी थी।