रैली से ठीक पहले JDU प्रत्याशी सुशुमलता ने दिया बेटी को जन्म, नीतीश ने मंच से ही दिया आशीर्वाद
चुनाव की इसी गहमागहमी के बीच रविवार को अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जगदीशपुर विधानसभा सीट पर रैली करने पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि जेडीयू प्रत्याशी सुशुमलता कुशवाहा ने बेटी को जन्म दिया है।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान अब चरम पर है और अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए सभी सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव की इसी गहमागहमी के बीच रविवार को अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जगदीशपुर विधानसभा सीट पर रैली करने पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि जेडीयू प्रत्याशी सुशुमलता कुशवाहा ने बेटी को जन्म दिया है। इसके बाद नीतीश कुमार ने मंच से ही सुशुमलता कुशवाहा और उनकी नवजात बेटी को आशीर्वाद दिया। जगदीशपुर सीट पर सुशुमलता कुशवाहा अकेली महिला उम्मीदवार हैं।
सुशुमलता कुशवाहा के पक्ष में थी रैली
जगदीशपुर विधानसभा सीट पर जेडीयू की सुशुमलता कुशवाहा के सामने आरजेडी के मौजूदा विधायक रामबिशुन सिंह लोहिया और लोक जनशक्ति पार्टी के भगवान सिंह कुशवाहा के अलावा 15 उम्मीदवार खड़े हैं। रविवार को सुशुमलता कुशवाहा के पक्ष में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की चुनावी रैली थी, लेकिन रैली से पहले ही उन्होंने पटना के एक निजी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया और रैली में शामिल नहीं हो सकीं। नीतीश कुमार को जब ये खबर मिली, तो उन्होंने मंच से ही मां और नवजात बेटी को शुभकामनाएं दीं।
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कौन हैं सुशुमलता कुशवाहा
पंचायत में मुखिया के पद पर चुनी गईं सुशुमलता कुशवाहा की शादी 2012 में हुई थी और उनकी एक सात साल की बेटी और है। मुखिया बनने के बाद सुशुमलता ने ग्राम सभा की बैठकों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया और इसे लेकर कई अहम कदम उठाए। ग्राम सभा में उनकी सक्रियता और महिलाओं के प्रति उनकी मुखरता को देखते हुए जेडीयू ने विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया है। बिहार के भोजपुर जिले में आने वाली जगदीशपुर विधानसभा सीट पर पहले चरण के तहत आगामी 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।
'दो महीनों के भीतर हल करेंगे स्थानीय मुद्दे'
वहीं, रैली में सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'विश्व बैंक की सहायता से राज्य सरकार की बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना, जिसे जीविका योजाना भी कहा जाता है, उसमें 1 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। हमारी पार्टी ये भी वादा करती है कि 2020 के इस विधानसभा चुनाव में जीते हुए सभी जेडीयू विधायक दो महीनों के भीतर स्थानीय मुद्दों को हल करेंगे। आपको बता दें कि पहले चरण के तहत बिहार की 71 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस बार एलजेपी भी जेडीयू के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जो एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रही है।
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