भारत के साथ बड़ी मिलिट्री डील्स करना चाहता है अमेरिका
अमेरिका ने भारत को की मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स के विकास और उत्पादन की पेशकश।
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल को खत्म होने में अब बस 20 दिन रह गए हैं और इससे पहले अमेरिका ने भारत को कई अहम डिफेंस डिल्स ऑफर की हैं। अमेरिका ने भारत को डिफेंस टेक्नोलॉजी और ट्रेड इनीशिएटिव (डीटीटीआई) के तहत मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स के उत्पादन का ऑफर दिया है।
20 जनवरी के बाद कोई फैसला
टाइम्स ऑफ इंडिया की जानकारी के मुताबिक सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस पर भारत 20 जनवरी के बाद फैसला लेगा जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन अपना जिम्मा संभाल लेगा। भारत पहले से अमेरिका की ओर से आए फ्यूचर वर्टिकल लिफ्ट (एफवीएल) एयरक्राफ्ट प्रोग्राम में उसकी भागीदारी को लेकर अपनी रूचि जता चुका है। इसके तहत पांच अलग-अलग हेलीकॉप्टर्स को अगले 15 वर्षों में विकसित किया जाना है। इसकी कीमत करीब आठ बिलियन डॉलर होगी। अमेरिका ने सलाह दी थी कि फ्यूचर इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स (एफआईसीवी) प्रोजेक्ट में इजरायल को भी शामिल किया जा सकता है। भारत फिलहाल 'वेट एंड वॉच' की नीति अपना रहा है। अमेरिका, भारत को अपने सबसे बड़े रक्षा साझीदार का दर्जा दे चुका है।
जरूरत है 1,200 हेलीकॉप्टर्स की
भारत ने अमेरिका के साथ 3.1 बिलियन की कीमत के साथ 22 अपाचे अटैक और 15 चिनहुक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर्स की डील फाइनल कर चुका है। इनकी डिलीवरी वर्ष 2019-2020 तक होनी है। सेनाओं को अगले 15-20 वर्ष तक 1,200 अलग-अलग तरह के हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है। इनकी कीमत 1.5 लाख करोड़ से भी ज्यादा होगी। भारत ने रूस के साथ हाल ही में 200 कामोव-226T हेलीकॉप्टर्स की डील फाइनल की है जिसकी कीमत एक बिलियन डॉलर है। वहीं हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को भी इस समय इसी तरह के 187 हेलीकॉप्टर्स को डेवलप करने का जिम्मा दिया गया है। भारत को अमेरिका से अपाचे और चिनहुक जैसे हेलीकॉप्टर्स का मिलना सेनाओं का ताकत को दोगुना करना होगा।इन दोनों ही हेलीकॉप्टर्स को दुनिया के अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर्स में माना जाता है।