सेना की जासूसी करने वाले 5 संदिग्धों को 14 फरवरी तक पुलिस रिमांड
इस पूरे रैकेट में निजी मोबाइल कंपनियों के कर्मचारियों की मिलीभगत के संकेत भी मिले हैं। ये भारत में पाक के लिए जासूसी करने वालों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराते थे।
भोपाल। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले 11 लोगों को मध्य प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने गिरफ्तार गुरुवार को गिरफ्तार किया था। उनमें से 5 आरोपियों को एटीएस ने आज भोपाल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने पांचों अभियुक्तों को 14 फरवरी तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है। आपको बता दें कि गिरफ्तार 11 लोग फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे और उसके जरिए फोन कॉल को सैटेलाइट कॉल में कनवर्ट करते थे। गिरफ्तार लोगों में से एक आरोपी एक नेता का भाई भी है।
इन सभी आरोपियों पर सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजने का आरोप है। 11 लोगों में 5 की गिरफ्तारी ग्वालियर से, 3 की भोपाल से, 2 की जबलपुर से और एक आरोपी की गिरफ्तारी सतना से हुई थी। इस पूरे रैकेट में निजी मोबाइल कंपनियों के कर्मचारियों की मिलीभगत के संकेत भी मिले हैं। ये भारत में पाक के लिए जासूसी करने वालों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराते थे। मध्य प्रदेश एटीएस के प्रमुख संजीव शमी ने बताया कि ये गिरोह पाक स्थित आकाओं के निर्देश पर सैन्य खुफिया जानकारी जुटाता था। इसे भी पढ़ें- PICS: कॉलगर्ल के साथ प्रेमिका की कब्र पर रातें रंगीन करता था उदयन, 12 लड़कियों से थे संबंध
जम्मू-कश्मीर में गत नवंबर में गिरफ्तार दो संदिग्ध जासूस इसी गिरोह से जुड़े थे। जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आईएसआई के 11 जासूसों को वेतन भी मिलता था। भारत में 10-15 फीसदी पर हवाला कारोबार का काम करते थे ये जासूस। जासूसी के लिए आईएसआई से इन्हें 40 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी।