आरएसएस का भाजपा में विलय हो, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं- अशोक गहलोत
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने एक बार फिर से आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि आरएसएस का सरकार पर अतिरिक्त संवैधानिक अधिकार है। बिना आरएसएस की मर्जी के कोई मुख्यमंत्री, मंत्री नहीं बनता है। भाजपा की मौजूदा स्थिति यही है, आरएसएस की मर्जी के बिना यहां कोई फैसला नहीं लिया जाता हैऐ। गहलोत ने कहा कि बेहतर हो कि आरएसएस का राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तन हो और उसका भाजपा में विलय हो जाए, हमे इससे कोई दिक्कत नहीं है।
गहलोत ने कहा कि आरएसएस सांस्कृतिक संगठन है, उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। जब उसपर पाबंदी लगाई गई थी तो इन लोगों ने लिखित में यह आश्वासन दिया था कि वह कभी राजनीति में शामिल नहीं होंगे। आरएसएस की ओर से साफ कहा गया था कि वह राजनीति में दखल नहीं देंगे और सांस्कृतिक संगठन के तौर पर काम करेंगे। ऐसे में आरएसएस को अपने किए गए वादे पर टिके रहना चाहिए और राजनीतिक से दूर रहना चाहिए।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से ही तमाम राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। 10 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था। इस बार लोकसभा चुनाव सात चरण में होंगे। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा, जबकि आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा। चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 मई को की जाएगी। चुनाव क मद्देनजर चुनाव आयोग ने इस बार पारदर्शी चुनाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कुल 10 लाख पोलिंग बूथ बनाए गए हैं जिससे कि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
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