केजरीवाल की बेटी ने लाइसेंस बनाने के लिए RTO अधिकारी को दिया घूस का प्रस्ताव
नई दिल्ली। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार को 100 दिन से अधिक हो गये हैं। केजरीवाल ने एक रैली के दौरान दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली में 70-80 फीसदी भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार में भारी कमी आयी है।
केजरीवाल ने रैली में अपनी बेटी का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरी बेटी ने अधिकारी को घूस देने की कोशिश की लेकिन आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी नीति के चलते अधिकारी ने घूस लेने से मना कर दिया।
केजरीवाल
को
हाई
कोर्ट
ने
बताया
दोहरा
रवैया
वाला
मेरी
बेटी
ने
दिया
घूस
का
प्रस्ताव
केजरीवाल ने बताया कि उनकी बेटी लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ के कार्यालय में गयी और उसने अधिकारी से बिना उसका परिचय बताये लाइसेंसे बनाने को कहा। उसने कहा कि मेरे पास एक दस्तावेज नहीं है और मुझे लाइसेंस की बहुत जरूरत है। उसने अधिकारी को इसके लिए घूस भी देने की कोशिश की।
मेरा
नाम
जानने
के
बाद
सारे
अधिकारी
लाइसेंस
बनाने
के
लिए
आगे
आए
लेकिन अधिकारी घूस के प्रस्ताव के बाद उसे देखने लगा कि कहीं वह फोन से रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रही है। लेकिन अधिकारी ने इन सब के बावजूद लाइसेंस बनाने से इनकार कर दिया। इसके बाद मेरी बेटी ने अपने दस्तावेज दिये जिसमें उसके पिता के नाम की जगह मेरा नाम लिखा था।
मैं
चाहता
तो
आसानी
से
बन
सकता
था
लाइसेंस
जिसे देखने के बाद सारे अधिकारी एक साथ मेरी बेटी का लाइसेंस बनाने के लिए आगे आये।केजरीवाल ने कहा कि मैं चाहता तो आरटीओ से कह सकता था कि मेरी बेटी का लाइसेंस बनना है और बहुत ही आसानी से बन सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।
क्या
केजरीवाल
की
बेटी
को
घूस
देने
के
लिए
मामला
दर्ज
नहीं
होना
चाहिए?
लेकिन इन सब के बीच सवाल यह उठता है कि जब घूस देना भी अपराध है ऐसे में केजरीवाल की बेटी ने अधिकारी को घूस देने का प्रस्ताव क्यों दिया। क्या केजरीवाल को इन पब्लिसिटी स्टंट से बचना नहीं चाहिए। सामान्य रूप से अगर कानून पर नजर डालें तो अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को घूस का प्रस्ताव देता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में क्या केजरीवाल की बेटी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।