Article 370: 5 अगस्त के लिए पाकिस्तान ने की थी खास तैयारी, भारत के इस ऐक्शन से तिलमिलाया
नई दिल्ली, 4 अगस्त: गुरुवार यानी 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने की दूसरी सालगिरह है। उससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत की जमकर आलोचना की है। दरअसल, पाकिस्तान में 5 अगस्त के मौके पर भारत के खिलाफ जबर्दस्त विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है। इसका केंद्र उसने पीओके को बनाने की तैयारी की है, जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव करवाए गए हैं और जिसपर भारत भी विरोध जता चुका है और स्थानीय स्तर पर भी विरोध हो रहे हैं। इसी कथित नवनिर्वाचित विधानसभा के सत्र में 5 अगस्त के मौके पर भारत के खिलाफ मुद्दे उठाने की तैयारी की गई है। इसके लिए उसने 5 विदेशी पत्रकारों को आने देने की भारत से ही अनुमति मांगी थी। लेकिन, भारत ने यह इजाजत नहीं दी है, जिसपर पाकिस्तान तिलमिला गया है।
विदेशी पत्रकारों को अनुमति न देने पर भड़का पाकिस्तान
पाकिस्तान ने बुधवार को 5 विदेशी पत्रकारों को आने देने की गुजारिश ठुकराने के लिए भारत की कड़ी आलोचना की है। पाकिस्तान ने इन विदेशी पत्रकारों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के विधानसभा के सत्र में उपस्थित होने देने के लिए भारत से अनुमति देने को कहा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी और उसके नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर मोईद यूसुफ ने अलग-अलग ट्वीट करके भारत के खिलाफ जमकर भड़ास निकाला है और आरोप लगाया है कि भारत में फ्री स्पीच और स्वतंत्र पत्रकारिता खत्म हो रही है। कुरैशी ने कहा है कि 5 अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों का पाकिस्तान आने की अनुमति न देना 'एक तानाशाही शासन के तहत फ्री स्पीच और स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए सिकुड़ते स्थान का एक और घातक संकेत है।'
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कोरोना के चलते वाघा बॉर्डर से बंद है आवाजाही
जानकारी के मुताबिक भारतीय अधिकारियों ने इन पांचों विदेशी पत्रकारों को वाघा बॉर्डर के रास्ते इस्लामाबाद जाने की अनुमति देने से इसलिए इनकार कर दिया है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते यह सीमा करीब-करीब बंद है। शुरू में इस बॉर्डर को पिछले साल मार्च में कुछ हफ्तों के लिए बंद किया गया था, लेकिन उसके बाद यह पाबंदी लगातार बढ़ाई जाती रही है। इस समय यहां से आवाजाही पूरी तरह से बंद है और सिर्फ राजनयिकों और कुछ दूसरे लोगों को भी अपवाद के तौर पर जाने दिया जा रहा है। (ऊपर वाली तस्वीर- फाइल)
ये एक असुरक्षित सरकार की कारगुजारियां हैं-पाकिस्तान
पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की बौखलाहट की असल वजह जाहिर की है और कहा है कि ये पत्रकार 5 अगस्त को पीओके के सत्र में हिस्सा लेने वाले थे। उन्होंने ट्वीट किया है, 'ये एक असुरक्षित सरकार की कारगुजारियां हैं, जिसके पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है और यह नहीं चाहती कि दुनिया कश्मीर की वास्तविकता को देखे।' बता दें कि पाकिस्तान में 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शनों की बड़ी तैयारी की गई है, क्योंकि दो साल पहले इसी दिन भारत ने जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे (आर्टिकल 370) को खत्म कर दिया था।(फवाद चौधरी की तस्वीर उन्हीं के ट्विटर प्रोफाइल से)
भारत कह चुका है- हमारा इलाका खाली करो
भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि भारतीय संविधान से जुड़ा आर्टिकल 370 का मुद्दा पूरी तरह से हमारा आंतरिक मामला है। जबकि, पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाली कश्मीर के उस विधानसभा की कार्रवाई देखने के लिए विदेशी पत्रकारों को बुलाने की इजाजत मांगा है, जिसके लिए अभी-अभी विवादित चुनाव करवाए गए हैं। इस चुनाव के खिलाफ पीओके में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं और भारत भी स्पष्ट कर चुका है कि उस इलाके पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है और उसे वहां चुनावा कराने का कोई अधिकार नहीं है। यही नहीं भारत चुनाव नतीजे वाले दिन ही दो टूक कह चुका है कि पाकिस्तान को भारतीय इलाकों को खाली करना होगा।