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आर्टिकल-370 हटने के बाद देश के दूसरे भाग से कितने लोगों ने J&K में खरीदी प्रॉपर्टी ? सरकार ने संसद में बताया

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नई दिल्ली, 29 मार्च: केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया है कि जब से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया गया है, देश के दूसरे इलाकों के कुल 34 लोगों ने वहां पर अपनी प्रॉपर्टी खरीदी है। इससे पहले वहां पर प्रदेश के बाहर के लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं थी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अपने लिखित जवाब में संसद को प्रदेश के उन जगहों का भी नाम बताया है, जहां पर देश के दूसरे हिस्से के लोगों ने जाकर अपनी संपत्ति अर्जित की है। गौरतलब है कि वहां भूमि कानून में बदलाव किए जाने का भी स्थानीय नेताओं ने विरोध किया था।

आर्टिकल-370 हटने के बाद 34 लोगों ने जम्मू-कश्मीर में खरीदी प्रॉपर्टी

आर्टिकल-370 हटने के बाद 34 लोगों ने जम्मू-कश्मीर में खरीदी प्रॉपर्टी

जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से देश के दूसरे हिस्सों से 34 लोगों ने प्रदेश में संपत्तियां खरीदी हैं। यह जानकारी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को संसद में दी है। पिछले साल केंद्र ने बताया था कि प्रदेश में देश के बाकी हिस्सों से दो लोगों ने जमीन खरीदी है। मंगलवार को एक सवाल के लिखित जवाब में नित्यानंद राय ने जम्मू-कश्मीर के जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल की उन प्रॉपर्टी और उन्हें खरीदने वाले लोगों की डिटेल उपलब्ध नहीं करवाई है। पहले जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त होने की वजह से देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को वहां पर अचल संपत्तियां खरीदने की मनाही थी।

भूमि कानून में बदलाव से संपत्ति खरीदने का खुला रास्ता

भूमि कानून में बदलाव से संपत्ति खरीदने का खुला रास्ता

दरअसल, आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को मिला खास दर्जा खत्म किया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने वहां के भूमि कानून में भी बदलाव किया और जम्मू और कश्मीर डेवलपमेंट ऐक्ट के सेक्शन 17 से 'राज्य के स्थाई निवासी' वाक्य को हटा दिया, जिसकी वजह से इलाके से बाहर के लोगों के लिए वहां पर अचल संपत्ति खरीदने का रास्ता साफ हो गया। लैंड रूल्स में बदलाव के बाद अब उन लोगों को भी गैर-कृषि भूमि बेची जा सकती है जो क्षेत्र के स्थाई निवासी या डोमिसाइल नहीं हैं। भूमि कानून में बदलाव से कश्मीर के राजनेताओं में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी, जिनका कहना है कि यह फैसला अस्वीकार्य है और यह क्षेत्र के लोगों तो अधिकारहीन करने के लिए किया गया है।

कृषि भूमि को लेकर अभी भी सख्त है नियम

कृषि भूमि को लेकर अभी भी सख्त है नियम

2020 के अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि संशोधनों में खेती वाली जमीन, गैर-कृषकों को देने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, कुछ स्थिति में कृषि जमीन को गैर-कृषि कार्यों के लिए देने की छूट है, जैसे कि शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना के लिए। मनोज सिन्हा ने कहा था, 'खेती की जमीन किसानों के लिए सुरक्षित रखी गई है और कोई भी बाहरी इसमें नहीं आ सकता। हम औद्योगिक इलाकों की पहचान कर रहे हैं और हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि उद्योग यहां देश के दूसरे राज्यों की तरह आएं,ताकि यह जगह विकसित हो और युवाओं को रोजगार मिले।'

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला

जम्मू और कश्मीर से विवादास्पद आर्टिकल-370 को हटाने का फैसला 5 अगस्त, 2019 को लिया गया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे सशक्त राजनीतिक फैसला माना जाता है। इस फैसले से जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और अलग झंडे की व्यवस्था खत्म हो गई और ऐसी कोई व्यवस्था नहीं रह गई, जिसपर पाकिस्तानपरस्त लोगों को वहां की सियासी फिजा को बिगाड़ने का मौका मिल सके।

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English summary
After the removal of Article 370 from Jammu and Kashmir, 34 people from other parts of the country have bought property there
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