अपोलो हॉस्पिटल का दावा-हम रोज 10 लाख लोगों के दे सकते हैं कोरोना वैक्सीन
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम दौर में है। वहीं फाइजर वैक्सीन ने भारत के आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति मांगी है। इसी बीच भारत की सबसे बड़ी हॉस्पिटल चैन अपोलो ने दावा किया है कि, वह एक दिन 10 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए तैयार है। बस उसे सरकार की मंजूरी का इंतजार है। वहीं अभी तक सरकार ने किसी भी वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है। जैसे ही सरकार की ओर से मंजूरी मिलती है। वैसे ही कुछ दिनों में लोगों को वैक्सीन की खुराक देने का काम शुरू हो जाएगा। मोदी सरकार इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप में देने में जुटी हुई है। सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि टीके को कैसे वितरित किए जाएगा, क्या इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी?
6,000 कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक देने के लिए ट्रेनिंग दी
मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी के मुताबिक, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड ने अब तक 6,000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है, जिन्होंने अपने 71 अस्पतालों, सैकड़ों क्लीनिकों और हजारों फार्मेसियां शामिल हैं। रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी तक यह पता नहीं है कि सरकार यह पूरा काम अकेले संभालेगी या निजी क्षेत्र को इसमें शामिल करेंगी। मुद्दा यह है कि वैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों की संख्या को कैसे बढ़ाकर दोगुना किया जा सकता है।
अपोलो हर दे रहा है वैक्सीन का अपडेट
उन्होंने कहा कि सरकार अकेले भी यह काम कर सकती है, लेकिन इसमें समय लगेगा। ऐसे में उनकी कंपनी हर तरह से सरकार की मदद करने को तैयार है। अपोलो अपनी ऐप के जरिये अपने ग्राहकों को लगातार कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दे रही है। कंपनी का कहना है कि 60-120 दिनों में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। वहीं भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा कि अगले पांच से छह महीनों में देश के अंदर कोरोना वायरस के टीकों की बाढ़ होगी।
सीरम इंस्टीट्यूट के साथ चल रही है अपोलो की बातचीत
अपोलो हॉस्पिटल्स ने दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ बातचीत की है। जिसने पहले ही एस्ट्राज़ेनेका के साथ मिलकर लाखों खुराक का उत्पादन किया है। लेकिन रेड्डी ने कहा कि डेवलपर्स नई दिल्ली से निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने टीकाकरण को लेकर कई तरह की चितांए जाहिर की है। जिसमें से एक आबादी भी है।
सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण नेटवर्क के जरिये कर सकती है वैक्सीन का वितरण
पिछले महीने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण नेटवर्क के जरिये वैक्सीन का वितरण करने की योजना बना रही है। इसके तहत हर साल 2.67 करोड़ शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। एक्सपर्ट की मानें तो सरकार को वैक्सीन वितरण के लिए निजी स्वास्थ्य सेवाओं का सहारा लेने की जरूरत पड़ सकती है।
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