क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जो तब्लीगी जमात पहली लहर में हुई थी बदनाम, वही अब कर रहे कोरोना से मरे लोगों का अंतिम संस्कार

Google Oneindia News

अमरावती, 11 मई: पिछले साल फरवरी-मार्च में कोरोना महामारी देश में फैली, उस दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के हजारों लोग शामिल हुए थे। कुछ दिनों बाद वो देश के अलग-अलग हिस्सों में गए। इसके बाद उन पर कोरोना महामारी को तेजी से फैलाने का आरोप लगा। कुछ राज्यों ने सख्ती दिखाते हुए जमात से जुड़े लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया। हालांकि कई मामलों में सबूत ना होने की वजह से आरोपियों को रिहा कर दिया गया। वहीं अब आंध्र प्रदेश के तिरुपति में तब्लीगी जमात के लोगों का नेक काम चर्चा का विषय बना हुआ है।

कोरोना

दरअसल आंध्र प्रदेश के तिरुपति में यूनाइटेड मुस्लिम एसोसिएशन के तहत कोविड-19 ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) की स्थापना की गई है। जिसमें तब्लीगी जमात के लोग भी शामिल हैं। अब ये लोग समुदाय और धर्म की परवाह किए बिना ही कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो कोरोना की वजह से जो तब्लीगी जमात बदनाम हुई थी, वो आज अच्छे काम की वजह से सुर्खियों में है।

मामले में जमात के सदस्य जेएमडी गौस ने कहा कि पिछले साल जब कोरोना महामारी देशभर में फैली तो उन्हें दोषी ठहराया गया था, लेकिन अब उन्होंने अच्छा काम कर दिखाया है, जिस वजह से उनकी सराहना हो रही है। उन्होंने आगे बताया कि वो फोन पर मिली जानकारी के आधार पर रोजाना 60 वॉलंटियर्स के साथ काम करते हैं। पिछले एक महीने से वो रोज करीब 15 शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इसमें ज्यादातर की मौत कोरोना की वजह से ही हुई रहती है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को दी राहत, तब्लीगी जमात के मरकज को फिर से खोलने की इजाजतदिल्ली हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को दी राहत, तब्लीगी जमात के मरकज को फिर से खोलने की इजाजत

काम के बारे में जानकारी देते हुए गौस ने कहा कि 60 सदस्यों को तीन अलग-अलग टीमों में बांटा गया है। ऐसे में दिनभर में एक टीम चार से पांच शवों का अंतिम संस्कार करती है। अंतिम संस्कार के वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि सारी प्रक्रिया उसके धर्म की परंपराओं के अनुसार हो। उदाहरण के तौर पर अगर मृतक हिंदू है, तो वो उसके लिए एक कपड़ा और फूल माला रखते हैं। वहीं अगर मृतक ईसाई निकला तो चर्च से फादर को बुलाया जाता है, जबकि मुस्लिमों के लिए बकायदा जनाजे की नमाज होती है।

Comments
English summary
andhra pradesh Tirupati Tablighi Jamaat corona Spread Conducts Funerals
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X