Andhra Pradesh Tax Revenue 100% बढ़ने का दावा, विभाजन के बाद के आंकड़े आए सामने
Andhra Pradesh Tax Revenue 100% बढ़ने का दावा, विभाजन के बाद के आंकड़े आए सामने। Andhra Pradesh Tax Revenue after bifurcation 100 pc hike
Andhra Pradesh Tax Revenue 100 फीसदी बढ़ा है। आठ साल पहले विभाजन के बाद तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद आंध्र प्रदेश ने कहा है कि प्रदेश का अपना टैक्स राजस्व 100 फीसद बढ़ा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के झटके से उबरने के बाद, पिछले वित्त वर्ष में आंध्र प्रदेश के कर राजस्व में सुधार हुआ है। खबर में कहा गया, भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश के अपने कर राजस्व और गैर-कर राजस्व दोनों में 50-60 प्रतिशत से अधिक की स्वस्थ वृद्धि दर दर्ज की है।
दिलचस्प बात यह है कि 2016-17 में आंध्र प्रदेश ने लगभग पांच हजार करोड़ से अधिक राजस्व यानी करीब 44,181 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ। हालांकि, ये राजस्व विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और प्रस्तावित राजधानी और शहरी परियोजनाओं के व्यय को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
खराब योजना और गलत प्राथमिकताओं के कारण आंध्र कर्ज के जाल में फंसने लगा। राज्य का अपना कर राजस्व कभी भी राज्य की जरूरतों से मेल नहीं खाता था, क्योंकि इसने अवैज्ञानिक रूप से डिजाइन की गई परियोजनाओं पर भारी मात्रा में निवेश किया था। हालांकि, राज्य का अपना कर राजस्व 2016-17 के बाद लगातार बढ़ता रहा, लेकिन वे कभी भी अपेक्षित नहीं थे। आंध्र के कर राजस्व पर एक नजर-
- 2017-18 में लगभग 52,000 करोड़
- 2018-19 में लगभग 58,677 करोड़ रुपये
- 2019-20 में लगभग 57,601 करोड़
- 2020-21 में 57,359 करोड़ रुपये
दिलचस्प बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने सरकारी खजाने में कर राजस्व से 85,265 करोड़ रुपये आने का बजट अनुमान लगाया गया है। ये अमाउंट पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है। सरकार का कहना है कि 2014 में आंध्र विभाजन के बाद तेलंगाना बना। ऐसे में रेवेन्यू में पहले वर्ष यानी 2014-15 की तुलना में लगभग 100 प्रतिशत की उछाल है।
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