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गोपाल कृष्ण गांधी क्यों बने विपक्ष के उम्मीदवार, जानिए अंदर की सच्चाई

गोपाल कृष्ण गांधी के नाम को तमाम 18 विपक्षी दलों का समर्थन, जिन लोगों ने कभी की थी गांधी की आलोचना, आज किया समर्थन

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नई दिल्ली। देश के अगले उपराष्ट्रपति के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम को विपक्ष ने उम्मीदवार के तौर पर आगे किया है। लेकिन यहां समझने वाली बात यह है कि आखिर ऐसी क्या वजह थी गोपाल कृष्ण गांधी में जिसके चलते तमाम 18 विपक्षी दलों ने उन्हें अपना समर्थन देने का ऐलान किया और राष्ट्रपति चुनाव में जो एकता देखने को नहीं मिली वह उपराष्ट्रपति के चुनाव में दिखती नजर आ रही है।

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पूरा विपक्ष आया साथ

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गोपाल कृष्ण गांधी मौजूदा समय में चेन्नई में रहते हैं और वह कभी भी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे हैँ। गांधी के नाम पर पहले भी चर्चा हुई थी, लेकिन आखिरी समय में पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हें फोन करके इस बात की जानकारी दी, यहां खास बात यह है कि गांधी को यह फोन तमाम 18 दलों की मौजूदगी में किया गया था, जिसमें जदयू भी मौजूद थी। गांधी इश वक्त अशोक विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। जिस वक्त आजाद ने उन्हें फोन किया सीताराम येचुरी और डेरेक ओ ब्रायन मीटिंग से बाहर गए और अपने दल के नेतृत्व को इस बात की जानकारी दी कि उनके उम्मीदवार को 18 दलों ने समर्थन दिया है।

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Presidential Election: Gopal Krishna Gandhi होंगे Opposition के Vice Presidential Nominee
18 दलों के सामने किया गया फोन

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जिस वक्त आजाद ने गोपाल कृष्ण गांधी को फोन किया, गांधी का पहला सवाल था क्या 18 पार्टी ने समर्थन दिया है, जिसके बाद उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि इस बैठक में जदयू भी शामिल है। जदयू नेता शरद यादव ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। बैठक में सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा था कि उनकी पार्टी दक्षिण भारत के उम्मीदवार को अपना समर्थन देगी, जिसके बाद उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि गोपाल कृष्ण गांधी दक्षिण के ही हैं और वह मौजूदा समय में चेन्नई में ही रहते हैं।

येचुरी ने भी गांधी के नाम को आगे बढ़ाया

येचुरी ने भी गांधी के नाम को आगे बढ़ाया

यहां गौर करने वाली बात यह है कि गोपाल कृष्ण गांधी जोकि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं और वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं, यही नहीं वह महात्मा गांधी के पड़पोते हैं, उनके नामा का प्रस्ताव लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने भी किया है। गोपाल कृष्ण गांधी को उस वक्त सबसे अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा था जब पश्चिम बंगाल में लेफ्टर सरकार की अगुवाई में अवैध जमीन कब्जे के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे थे और उनपर पुलिस ने गोली चला दी थी।

 बंगाल सरकार पर की थी तल्ख टिप्पणी

बंगाल सरकार पर की थी तल्ख टिप्पणी

मार्च 2007 में इस पुलिस फायरिंग में 14 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद गांधी ने कहा था कि इस खबर ने उनके भीतर कोल्ड हॉरर की भावना को भर दिया है। उन्होंने पूछा था कि क्या इस तरह के खूनखराबे को टाला नहीं जा सकता था, इस तरह की घटना को अंजाम देकर किस तरह से जनता के सरोकार को पूरा किया गया है।

कलकत्ता के राजभवन में

कलकत्ता के राजभवन में

गांधी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा था कि नंदीग्राम गांव में हुई घटना पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई वह पूरी तरह से अस्वीकार है और यह गैरकानूनी है। गांधी 2004-09 के बीच गांधी कलकत्ता के राजभवन में थे।

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English summary
All 18 opposition parties supports Gopal Krishna Gandhi for Vice president candidate. He was been supported by those who once opposed him.
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