तीन राज्यों में भाजपा की हार पर बोले रामदेव, मैं परेशानी में नहीं पड़ना चाहता
नई दिल्ली। तीन राज्यों में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी को हाल ही में हुए चुनाव के बाद मुंह की खानी पड़ी है उसके बाद योग गुरू रामदेव ने पीएम मोदी का बचाव किया है। रामदेव ने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और नीतियों पर सवाल खड़ा नहीं कर सकता है। रामदेव ने कहा कि मोदी ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो किसी वोट बैंक की राजनीति करते हैं। वहीं जब रामदेव से पूछा गया कि क्या नरेंद्र मोदी ने अपने वायदे पूरे किए तो उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के राजनीतिक सवालों का जवाब देकर किसी भी तरह की मुश्किल को आमंत्रित नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
पीएम वोटबैंक की राजनीति में नहीं पड़ते
हालांकि रामदेव ने कहा कि मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि कोई भी पीएम मोदी के नेतृत्व, नीतियों और सोच पर सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्र निर्माण के प्रोजेक्ट की शुरुआत की और वो कभी भी वोटबैंक की राजनीति में नहीं पड़ते हैं। जब रामदेव से पूछा गया कि क्या नोटबंदी के बाद एनडीए सरकार के कार्यकाल में कालाधन खत्म हो गया है, जिसे लेकर इस सरकार के आने से पहले वह काफी आंदोलित थे, इसपर रामदेव ने कहा कि मुझे लगता है कि पैसे का इस्तेमाल कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इस्तेमाल करना चाहिए।
बैंकों को करनी चाहिए मदद
रामदेव ने कहा कि भारत निर्माण क्षेत्र का हब बन सकता है, अगर उद्योग जगत को उचित दाम पर बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाए। कई उद्योग जगत मुश्किल का सामना कर रहे हैं, ऐसे में बैंकों को उन्हें इससे उबारने के लिए मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें सच में मदद की जरूरत है, नाकि विजय माल्या जैसे लोगों को लोन देना चाहिए। रामदेव की कंपनी पतंजलि ने पिछले कुछ समय में जबरदस्त बढ़ोतरी की गी है और 2020 तक यह यूनिलीवर जैसी कंपनी को पीछे छोड़ सकती है।
शेयर मार्केट में उतरेंगे रामदेव
शेयर मार्केट में क्या बाबा रामदेव की कंपनी लिस्ट होगी, इसपर रामदेव ने कहा कि अगले कुछ महीनों में वह इससे जुड़ी अच्छी खबर लोगों के बीच लेकर आएंगे। आपको बता दें कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद लगातार इस बात को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भाजपा को इस चुनाव परिणाम का असर 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तीनों राज्यों में पार्टी की हार पर मंथन करने में जुटा है।
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