भारी विरोध के बाद मणिपुर सरकार ने वापस लिया म्यांमार के शरणार्थियों को भोजन-पानी न देने का आदेश
अपने एक आदेश के कारण काफी विरोध झेलने के बाद मणिपुर सरकार ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें कहा गया था कि म्यांमार से भारत आने वाले शरणार्थियों का भोजन-पानी रोक दिया जाए।
इम्फाल। अपने एक आदेश के कारण काफी विरोध झेलने के बाद मणिपुर सरकार ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें कहा गया था कि म्यांमार से भारत आने वाले शरणार्थियों का भोजन-पानी रोक दिया जाए। सरकार के इस आदेश की जमकर आलोचना हुई जिसकी वजह से सरकार ने इस आदेश को वापस लेने का फैसला किया है।
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आपको बता दें कि मणिपुर सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर अधिकारियों को आदेश दिए थे कि म्यांमार से आने वाले लोगों को शरण देने और उन्हें भोजन मुहैया कराने वाले लोगों पर पाबंदी लगाई जाए। आदेश के अनुसार गंभीर रूप से घायल शरणार्थियों को मानवीय आधार पर केवल दवाई देने की छूट होगी। इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया था कि म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों की आमद पर पाबंदी लगाई जाए। मणिपुर सरकार की इस आदेश को लेकर काफी आलोचना हुई जिसके कारण उसे यह आदेश वापस लेना पड़ा। कई लोगों ने कहा कि यह आदेश देश की मानवीय परंपरा के खिलाफ है। अब सरकार की ओर से 29 मार्च को नई चिट्ठी जारी की गई है, जिसमें लिखा है कि, 'लोगों ने सरकार के आदेश को अलग तरीके से समझ लिया है। सरकार म्यांमार से आने वाले लोगों की हरसंभव मदद कर रही है और उन्हें इलाज के लिए इम्फाल भेजा जा रहा है।'
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आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों ने म्यांमार में राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। वहां की सेना ने तख्ता पलट कर सत्ता अपने हाथों में ले ली है। म्यांमार की जनता सेना के इस फैसले का विरोध कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं। सेना की बर्बरता से बचने के लिए म्यांमार के लोग पड़ोसी मुल्कों में शरण ले रहे हैं। अब तक मणिपुर में 1 हजार से ज्यादा शरणार्थी आ चुके हैं।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत ने भारत सरकार म्यांमार से आ रहे लोगों को अपने यहां शरण देने की अपील की है। म्यांमार के लोग देश में दोबारा से लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।